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MBA पास महिला फर्राटे से बोलती है अंग्रेजी, फिर भी निर्वस्त्र घूमने को मजबूर…हुआ हैरान करने वाला खुलासा

Viral: किशनपोल इलाके में दस दिनों से निर्वस्त्र घूम रही मानसिक विक्षिप्त महिला को आखिर कोतवाली थाना पुलिस ने रेस्क्यू कर अपना घर संस्था के पास पहुंचा दिया। महिला दस दिन से परकोटे की गलियों में निर्वस्त्र घूम रही थी, लेकिन किसी सामाजिक संस्था ने महिला को मदद करने की जहमत उठाई।

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जयपुर। Viral: किशनपोल इलाके में दस दिनों से निर्वस्त्र घूम रही मानसिक विक्षिप्त महिला को आखिर कोतवाली थाना पुलिस ने रेस्क्यू कर अपना घर संस्था के पास पहुंचा दिया। महिला दस दिन से परकोटे की गलियों में निर्वस्त्र घूम रही थी, लेकिन किसी सामाजिक संस्था ने महिला को मदद करने की जहमत उठाई। हैरत की बात तो ये है कि जिन लोगों के सामने से वो निर्वस्त्र गुजरी, वे भी उसकी आबरू ढ़कने के बजाए परिहास करने और वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। पत्रिका की खबर के बाद हरकत में आई पुलिस टीम ने 12 घंटे में ही लालकोठी इलाके से उसे रेस्क्यू कर इलाज के लिए पहुंचाया। रेस्क्यू करने में सामाजिक अन्वेषण एवं शोध संस्था और अपना घर का सहयोग रहा।

पत्रिका संवाददाता ने जब महिला के बारे में पड़ताल की तो कई तथ्य चौंकाने वाले सामने आए। महिला एक शिक्षित और सभ्य परिवार से है और एमबीए किया हुआ है। उसकी शादी ग्वालियर में करीब तीन साल पहले हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उसकी मां का निधन हो गया। मां के निधन के बाद से ही वह तनावग्रस्त रहने लगी। ससुराल वालों ने भी उसका साथ नहीं दिया और उसे जयपुर छोड गए। इस पर वह मानसिक बीमारी की शिकार हो गई। कभी अपनी क्लास में टॉपर रहने वाली महिला फर्रार्ट से अंग्रेजी भी बोल लेती है। उसके पिता ने बताया कि हमनें उसका इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। पिछले एक साल से उसका व्यवहार बिल्कुल बदल गया। ऐसे में जब उसे समाज और परिवार की जयादा जरूरत थी, तब लोगों ने उसे बिसरा दिया। उसकी छोटी बहन भी बीएड पास है और वह भी मानसिक रोगी है।

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परकोटे की गलियों में घूमने लगी निर्वस्त्र
स्थानीय लोगों ने बताया कि उसके परिवारजन और रिश्तेदार परकोटे में ही रहते हैं। इस कारण वह यहीं घूमती रहती है। उसके व्यवहार से परेशान होकर रिश्तेदारों ने भी उससे मुंह मोड लिया। किसी ने भी उसका इलाज कराने की जहमत नहीं उठाई। उसे निर्वस्त्र देखकर भी लोग उससे दूर रहने लगे। किसी ने भी उसकी आबरू ढ़कने की कोशिश नहीं की।

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महिला की तलाश के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने अथक प्रयास से उसे लालकोठी इलाके से रेस्क्यू कर इलाज के लिए भिजवाया है। महिला को ढूंढने में एसआई प्रकाशवीर, एएसआई शारदा, हेड कांस्टेबल सुरेन्द्र, कांस्टेबल राकेश और महिला कांस्टेबल सुनीता, सामाजिक कार्यकर्ता खुशबू सिंह, महेन्द्र सोनी और अशोक सोनी को विशेष योगदान रहा।
ओमप्रकाश विश्नाई, थानाधिकारी कोतवाली

कोई भी व्यक्ति अचानक मानसिक रोगी नहीं बनता है। समाज और परिवार की उलाहना से पीडि़त होने पर ही वह मनोरोगी हो जाता है। आमजन को भी चाहिए कि वे इनके साथ प्रेम से व्यवहार करें।
महेन्द्र सोनी, सामाजिक अन्वेषण एवं शोध संस्था