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मदरसों के बच्चों तक नहीं पहुंच रहा ‘सरकारी निवाला’, 280 में से मात्र 50 मदरसों को मिल रहा मिड डे मील

शहर के बस्सी, जालसू और आमेर ब्लॉक के किसी भी मदरसे में पोषाहार नहीं जा रहा है। हालांकि पूर्व ब्लॉक की स्थिति कुछ बेहतर है। यहां करीब 14 मदरसे योजना के तहत कवर हो रहे हैं। ब्लॉक अधिकारी मोहम्मद उमर ने बताया कि मदरसा संचालकों से मिलकर उन्हें पोषाहार-दूध योजना से जोड़ रहे हैं। जल्द ही पूर्व ब्लॉक में 15 और मदरसों में पोषाहार शुरू हो जाएगा।

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जयपुर

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Abdul Bari

Feb 22, 2023

राजस्थान में मदरसा तालीम चरमराई: हजारों बच्चे किताबों के इन्तेजार में, प्रदेश के 13 जिलों के हालात बदतर

राजस्थान में मदरसा तालीम चरमराई: हजारों बच्चे किताबों के इन्तेजार में, प्रदेश के 13 जिलों के हालात बदतर

जयपुर. सरकारी पंजीकृत मदरसों के अधिकांश बच्चे मिड डे मील और मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत मिलने वाले दूध से महरूम हैं। जयपुर की बात करें तो यहां करीब 280 पंजीकृत मदरसों में से मात्र 50 मदरसों को इन योजनाओं का फायदा मिल रहा है। पत्रिका ने पूरे मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि बोर्ड की ओर से इस मामले में कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही। पोषाहार प्रदेश के कितने मदरसों में जाता है। इसका बोर्ड के पास कोई आंकड़ा ही नहीं है।

शहर के बस्सी, जालसू और आमेर ब्लॉक के किसी भी मदरसे में पोषाहार नहीं जा रहा है। हालांकि पूर्व ब्लॉक की स्थिति कुछ बेहतर है। यहां करीब 14 मदरसे योजना के तहत कवर हो रहे हैं। ब्लॉक अधिकारी मोहम्मद उमर ने बताया कि मदरसा संचालकों से मिलकर उन्हें पोषाहार-दूध योजना से जोड़ रहे हैं। जल्द ही पूर्व ब्लॉक में 15 और मदरसों में पोषाहार शुरू हो जाएगा। बता दें कि मदरसों में मिड डे मील देने का कार्य शिक्षा विभाग के अंतर्गत है।

कोई 8 महीने से तो कोई 2 साल से कर रहा इंतेजार

नाई की थड़ी स्थित मदरसा मोहम्मदी सईदिया के अध्यक्ष असद अली ने बताया कि पिछले 8 महीनों से पोषाहार शुरू करवाने के लिए शहर से 15 किमी दूर जोड़ला में झोटवाड़ा ब्लॉक के अधिकारियों के पास जाता हूं, फिर भी काम नहीं हो रहा। वहीं तोपखाने के रास्ते स्थित मदरसा मोईनुल गल्र्स स्कूल के पदाधिकारियों ने बताया कि 2 साल पहले भी पोषाहार शुरू करवाने के लिए आवेदन दिया था, अब फिर दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रक्रियाधीन बता रहे हैं।


-कुछ मदरसा संचालक उदासीन हैं तो कुछ खुद ही मिड डे मील के लिए मना कर देते हैं। अब इनसे लिखित में योजना से नहीं जुड़ने का कारण पूछेंगे। करीब 50 मदरसे योजना से जुड़े हुए हैं।

शकील अहमद
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

-सभी मदरसों को इन सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। फिलहाल बोर्ड के पास आंकड़े नहीं है, कि प्रदेशभर के कितने मदरसों में पोषाहार और दूध की सप्लाई हो रही है। सभी जिलों से रिपोर्ट कलेक्ट करवाता हूं।

सैयद मुकर्रम शाह
सचिव, राजस्थान मदरसा बोर्ड