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खान विभाग: प्रवर्तन दस्ता मजबूत नहीं, फिर कैसे रूके अवैध खनन

चुनावी वादे और विधानसभा में खान विभाग (mining department) के प्रवर्तन दस्ते के पुर्नगठन के एलान को अभी तक पूरा नहीं कर सकी सरकार (raj govt) जयपुर। प्रदेश में अवैध खनन तेजी से पैर पसार रहा है। लगातार बड़े स्तर पर अवैध खनन की विभाग को शिकायतें भी मिल रही हैं। हफ्तेभर पहले ही राज्य के तमाम जिलों में 200 स्थानों पर एक साथ मारे गए छापों में भी करोड़ों रुपए के स्टॉक की फर्जी एन्ट्री और भण्डारण की शिकायतें मिली हैं।

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खान विभाग: प्रवर्तन दस्ता मजबूत नहीं, फिर कैसे रूके अवैध खनन

mining rajasthan

इसके बावजूद प्रवर्तन दस्ते को मजबूत करने को लेकर राज्य विधानसभा में हाल ही बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दस्ते के पुर्नगठन के किए एलान पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जबकि कांग्रेस की सरकार ने यह चुनाव में भी वादा किया था।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक बजट सत्र में मुख्यमंत्री की ओर से किए एलान के बाद विभाग के स्तर पर कार्रवाई भी शुरू हुई थी। इस पर मशक्कत के बाद विभाग के अधिकारियों ने फाइल को मंत्री प्रमोद जैन भाया को भेजा, लेकिन अभी तक मंत्री की ओर से इस फाइल को आगे नहीं बढाए जाने से दस्ते के पुर्नगठन पर निर्णय नहीं हो सका। जबकि राज्यभर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। तमाम मिनरल की खानों के साथ ही नदियों में भी बजरी का अवैध खनन हो रहा है।


बजरी का प्रमुख स्रोत बनास नदी सहित तमाम नदियों में बजरी की निकासी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। इसके बावजूद खुलेआम अवैध रूप से बजरी का खनन हो रहा है। इसको लेकर विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर भी मात्र खानापूर्ति की जा रही है। कार्रवाई से बचने के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से हर बार यही तर्क दिया जाता है कि पुलिस मदद नहीं मिल रही और विभाग के पास माफिया से निपटने के लिए फोर्स नहीं है। ऐसे में अवैध खनन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई नहीं हो पा रही। ऐसे में न्यायालय की रोक के बावजूद खुलेआम बाजारों में निर्माणकर्ताओं को बजरी की बिक्र्री हो रही है। बजरी अवैध रूप से लाए जाने के कारण इसकी कीमत भी कई गुना आमजन से वसूली जा रही है।
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