
mining rajasthan
इसके बावजूद प्रवर्तन दस्ते को मजबूत करने को लेकर राज्य विधानसभा में हाल ही बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दस्ते के पुर्नगठन के किए एलान पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जबकि कांग्रेस की सरकार ने यह चुनाव में भी वादा किया था।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक बजट सत्र में मुख्यमंत्री की ओर से किए एलान के बाद विभाग के स्तर पर कार्रवाई भी शुरू हुई थी। इस पर मशक्कत के बाद विभाग के अधिकारियों ने फाइल को मंत्री प्रमोद जैन भाया को भेजा, लेकिन अभी तक मंत्री की ओर से इस फाइल को आगे नहीं बढाए जाने से दस्ते के पुर्नगठन पर निर्णय नहीं हो सका। जबकि राज्यभर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। तमाम मिनरल की खानों के साथ ही नदियों में भी बजरी का अवैध खनन हो रहा है।
बजरी का प्रमुख स्रोत बनास नदी सहित तमाम नदियों में बजरी की निकासी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। इसके बावजूद खुलेआम अवैध रूप से बजरी का खनन हो रहा है। इसको लेकर विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर भी मात्र खानापूर्ति की जा रही है। कार्रवाई से बचने के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से हर बार यही तर्क दिया जाता है कि पुलिस मदद नहीं मिल रही और विभाग के पास माफिया से निपटने के लिए फोर्स नहीं है। ऐसे में अवैध खनन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई नहीं हो पा रही। ऐसे में न्यायालय की रोक के बावजूद खुलेआम बाजारों में निर्माणकर्ताओं को बजरी की बिक्र्री हो रही है। बजरी अवैध रूप से लाए जाने के कारण इसकी कीमत भी कई गुना आमजन से वसूली जा रही है।
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Published on:
02 Nov 2019 10:04 am
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