
जयपुर।
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने राजस्थान से मंत्री बने ( Ministers From Rajasthan In Modi Cabinet 2019) गजेंद्र सिंह शेखावत ( gajendra singh shekhawat ), कैलाश चौधरी ( Kailash Choudhary ) और अर्जुनराम मेघवाल ( Arjun Ram Meghwal ) को काम सौंप दिया है। गजेंद्र को जल शक्ति मंत्रालय मिला है। शेखावत खुद मारवाड़ से आते हैं और उन्हें पानी की एक-एक बूंद का मूल्य पता है। उनके कंधों पर राजस्थान की ‘प्यास’ बुझाने की जिम्मेदारी है। नौकरशाह से सियासत में आने वाले अर्जुनराम मेघवाल को भारी उद्योग राज्य मंत्री बनने से प्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढऩे की आस जागी है। जबकि कैलाश चौधरी खुद किसानों आंदोलनों से जुड़े हुए रहे हैं। अब उनके कृषि राज्यमंत्री बनने पर राजस्थान के किसानों को उनकी समस्याओं के हल होने की उम्मीद जागी है।
गजेंद्र से 3 बड़ी उम्मीदें ( Gajendra Singh Shekhawat )
इआरसीपी : इस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना से 13 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई की समस्याएं दूर हो सकती हैं। 40 हजार करोड़ की परियोजना की डीपीआर केन्द्रीय जल आयोग के पास है।
ब्रह्मणी-बनास : बनास ब्रह्माणी नदी के व्यर्थ बहने वाले पानी से बीसलपुर भरने की 6000 करोड़ की योजना। डीपीआर तैयार।
ताजेवाला हैड : 20 हजार करोड़ की परियोजना के तहत ताजेवाला हैड पर आवंटित 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी शेखावाटी पहुंचाने के लिए तंत्र बनाने की जरूरत।
मेघवाल से 3 बड़ी उम्मीदें ( Arjun Ram Meghwal )
इंफ्रास्ट्रक्चर : प्रदेश में ऑटोमोबाइल समेत विभिन्न खनिजों से जुड़े उद्योग स्थापित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। इसे तैयार करने के साथ निवेश का माहौल भी बनाना होगा।
बिजली की दर : अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में उद्योगों को मिलने वाली बिजली दर अधिक है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दरें कम करवाना जरूरी।
एनसीआर को बढ़ावा : राज्य के कई बड़े औद्योगिक क्षेत्र एनसीआर में आते हैं, जहां बड़ी संख्या में लैंडबैंक भी मौजूद है। कई कंपनियों ने यहां निवेश की इच्छा जताई है।
कैलाश चौधरी से 3 बड़ी उम्मीदें ( Kailash Choudhary )
खरीद तंत्र मजबूत हो : न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था को मजबूत करना होगा। राजस्थान में खरीद तंत्र कमजोर है। इसके लिए स्थाई तंत्र विकसित करने की किसानों की मांग रही है।
ऋण राहत आयोग : ऋण माफी के बाद अब ऋण राहत आयोग के प्रभावी होने की उम्मीद है। वर्तमान व पूर्व सरकार इसकी घोषणा कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक आयोग अस्तित्व में नहीं है।
आमदनी बढ़ाने के उपाय : किसानों की आमदनी बढ़ाने का भाजपा के गत शासन में वादा किया गया था। हालांकि अभी तक आमदनी में आशा के अनुरूप बढ़ोत्तरी नहींं हुई।
Updated on:
01 Jun 2019 09:08 am
Published on:
01 Jun 2019 09:02 am
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