
राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मंत्रियों का बंगलों से मोह नहीं छूट रहा है। बड़ी बात यह है कि इनमें कई मंत्री तो विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं। नियमों के मुताबिक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पूर्व मंत्रियों को दो माह में बंगला छोड़ना होता है। 3 फरवरी को यह अवधि पूरी हो चुकी है। मंत्रियों के बंगले खाली नहीं करने से नए मंत्री बंगलों में शिफ्ट नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी अभी ओटीएस स्थित आवास में अस्थाई रूप से रह रहे हैं।
कांग्रेस की गहलोत सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे सी.पी. जोशी, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, रघु शर्मा, शांति धारीवाल और भाजपा की वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे नरपत सिंह राजवी सहित अन्य कई मंत्रियों व दिग्गज नेताओं ने बंगले खाली नहीं किए हैं। इनमें जोशी, खाचरियावास, रघु शर्मा और राजवी तो विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं।
राज्य सरकार में नियम है कि पद पर नहीं रहने पर विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री को दो माह में बंगले खाली करने होते हैं। राजस्थान में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। ऐसे में यह दो माह की अवधि भी 3 फरवरी को पूरी हो चुकी है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय राजस्थान विधानसभा में बिल भी पारित किया गया था, जिसमें सरकारी बंगले खाली नहीं करने पर 10 हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
पूर्व मंत्रियों के जो बंगले खाली हो चुके हैं। उनका सार्वजनिक निर्माण विभाग ने कब्जा ले लिया है। कुछ की कब्जा लेने की प्रक्रिया चलना बताया जा रहा है। खाली हुए बंगलों को नए मंत्रियों को आवंटित करने को लेकर रिनोवेशन का काम शुरू कर दिया है।
सरकारी आवास खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ ही दिन में इसको खाली कर देंगे।
प्रतापसिंह खाचरियावास, पूर्व मंत्री
Updated on:
07 Feb 2024 08:44 am
Published on:
07 Feb 2024 08:42 am
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