
विकास पर विधायकों की कुण्डली,विधायक कोष खर्च करने में कंजूसी माननीय
प्रदेश की जनता के विकास का पैसा विधायकों की जेब से खिसक ही नहीं रहा। ये वो पैसा है जो विधायक कोष के नाम पर हर साल सरकार विधायकों को अपने इलाकों में विकास के लिए देती है। लेकिन अफसोसजनक बात यह है कि विधायक इन पैसों का पुरा उपयोग नहीं कर पा रहे है। विधायक कोष की बड़ी राशि सरकारी खातों में बची पड़ी है। जनता पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही है। राजधानी जयपुर में ही हालत इतनी खराब है कि 19 से भी ज्यादा विधायक मिलकर पच्चीस प्रतिशत पैसा भी खर्च नहीं कर सके हैं। जबकि वित्त वर्ष समाप्त होने में अब सप्ताह भर का समय ही बचा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जयपुर के विकास के लिए सबसे ज्यादा पैसा सरकार की ओर से दिया गया है।
राजस्थान में एमएलए लैड स्कीम में वित्तीय वर्ष 2017-18 में फरवरी तक जारी आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में अब चंद दिन शेष रह गए हैं, लेकिन प्रदेश में विधायक निधि खर्च करने में अब भी कई जिले फिसड्डी हैं। उपलब्ध फंड में खर्च करने के मामले में जालौर (93.94) टॉप पर है, जबकि करौली 19.76 प्रतिशत खर्च के साथ सबसे फिसड्डी है। इसमें प्रदेश के 33 जिलों में विधायकों की अनुशंसा के अनुरूप कराए गए कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट बनाई गई है।
इन चार जिलों विधायक खर्च में अवल्ल
प्रदेश में जालोर,झुन्झुनूं ,हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर अव्वल है। विधायक फण्ड़ के खर्च को आधार माने तो इन जिलों के विधायक खर्च करने में अव्वल है। वहीं खर्च करने में फिसड्डी 4 जिलों की बात करे तो उनमें राजधानी जयपुर के साथ उदयुपर ,टोंक पाली जिले भी शामिल हैं।
राजधानी जयपुर की हालात चिन्ताजनक
विधायक कोष खर्च करने में जयपुर जिले के विधायक भी कंजूसी दिखा रहे है। जयपुर जिले में 19 विधायक है। इनमें तीन मंत्री अरूण चतुर्वेदी,राजपाल सिंह शेखावत और कालीचरण सराफ तो विधायक है ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी जयपुर के विधायकों में शुमार है। विधानसभा उपाध्यक्ष रावराजेन्द्र सिंह भी जयपुर के विराटनगर विधानसभा क्षेत्र से आते है। जयपुर जिले की सभी सीटों पर विधायक खर्च का औसत 25 फीसदी के अंदर है।
हर विधायक को खर्च करने होते है सवा दो करोड़ की राशि
सरकार की तरफ से हर विधायक को सालाना सवा दो करोड़ की राशि विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए दी जाती है। पांच साल के विधायकी कार्यकाल में कुल विधायकों को 11 करोड़ राशि विकास कार्यों के लिए दी जाती है। विधायकी समाप्त होने के साथ ही यह स्वीकृत के अलावा शेष राशि लैप्स हो जाती है।
Published on:
23 Mar 2018 12:31 pm
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