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भाजपा विधायक दल की बैठक से एक दिन पहले सोमवार को भाजपा कार्यालय से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आवास तक हलचल रही। विधायकों का दोनों तरफ आना-जाना लगा रहा। भाजपा कार्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के बीच काफी देर तक मंत्रणा हुई।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री राजे के सिविल लाइंस स्थित आवास पर भी गहमागहमी रही। कई विधायक और पूर्व विधायकों ने राजे से मुलाकात की। इनमें विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, जसवंत यादव, कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़ सहित अन्य शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, राजपाल सिंह शेखावत, अशोक परनामी भी आवास पर पहुंचे। हालांकि, राजे ज्यादातर समय भीतर ही रही, उन्होंने मिलने का काफी कम समय दिया। इनमें से एक विधायक भाजपा कार्यालय भी आए। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री का नाम घोषित होते ही आवास पर कार्यकर्ताओं की आवाजाही बढ़ गई।
किरोड़ी ने कहा- 'सीएम रेस में नहीं, उप मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी करेगी'
कार्यालय आए किरोड़ीलाल मीना ने मीडिया से कहा कि मैं सीएम की रेस में दूर-दूर तक नहीं हूं। उपमुख्यमंत्री का फैसला भी पार्टी करेगी। इस दौरान विश्वराज सिंह ,हमीर सिंह भायल, जवाहर सिंह बेडम, भजनलाल शर्मा, मदन दिलावर, देवेंद्र जोशी, वासुदेव देवनानी, जोगेश्वर गर्ग, देवी सिंह शेखावत भी कार्यालय आए।
भारद्वाज की मीडियाकर्मियों से बहस
राजे के आवास के बाहर मीडियाकर्मियों का भी जमावड़ा रहा। इस बीच राजे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मीडिया सलाहकार रहे महेन्द्र भारद्वाज बाहर आए और मीडियाकर्मियों को गेट से दूर और सड़क के दूसरी ओर चल जाने के लिए कहा। इस बीच कुछ कार्यकर्ता भी आ गए। मीडियाकर्मी कवरेज करने का लगातार हवाला देते रहे, लेकिन भारद्वाज नहीं मानें और फिर समझाइश बहस में बदल गई।
Published on:
12 Dec 2023 08:38 am
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