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अगले 50 साल तक अडानी समूह संभालेगा जयपुर एयरपोर्ट का संचालन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को तीन और हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया है।

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Modi Cabinet approves leasing out of Jaipur airport on PPP

जयपुर। देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को तीन और हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया है। कैबिनेट बैठक में इन हवाई अड्डों के निजीकरण को आखिरकार मंजूरी दे दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट और सीसीईए की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें कैबिनेट ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर देने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक यह एयरपोर्ट 50 साल के लिए लीज पर दिए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे सरकार को तुरंत 1,070 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस रकम का इस्तेमाल छोटे शहरों में हवाई अड्डों का विकास करेगी। अडानी ग्रुप को दिया जा रहा तीनों एयरपोर्ट का संचालन एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक हाल ही इससे पहले लखनऊ, अहमदाबाद और, मंगलुरू एयरपोर्ट के निजीकरण करने का फैसला दिया था। केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के 12 हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला लिया था। हालांकि जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला मार्च तक टाला गया था।

यह होगा फायदा
जानकारी मुताबिक इन तीनों हवाई अड्डों को 50 साल के लिए मैसर्स अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डवलपमेंट अब इस कंपनी के हवाले होगा। उएयरपोर्ट लीज पर देने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी आएगी। वर्तमान समय में देश में एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं।