6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मिलने-जुलने वालों से राजस्थानी में ही बतियाती थीं पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी, शोक में डूबा बीकानेर

Rajmata Sushila Kumari passed away: मिलने-जुलने वालों से राजस्थानी में बतियाने वालीं बीकानेर की राजमाता सुशीला कुमारी के निधन से शोक

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Amit Purohit

Mar 11, 2023

bikaner_former_rajmata_sushila_kumari_passed_away.jpg

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पहुंचे जूनागढ़, सुशीला कुमारी की पार्थिव देह पर अर्पित किए पुष्प।

Rajmata Sushila Kumari passed away: पूर्व राजघराने की राजमाता सुशीला कुमारी का निधन हो गया है। देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 95 वर्ष की थीं। रविवार को उनको अंतिम विदाई दी जाएगी। सुशीला कुमारी बीकानेर रियासत की अंतिम महारानी थीं। वें पूर्व सांसद व महाराजा डॉ करणी सिंह की पत्नी थीं। मिलने-जुलने वालों से राजस्थानी में बतियाने वालीं बीकानेर की राजमाता सुशीला कुमारी के निधन से पूरा बीकानेर शोक में डूब गया है।

लोकतंत्र की स्थापना के बाद भी बीकानेर राजघराने में राजतंत्र की परंपराएं कायम थीं। 1950 में डॉ करणी सिंह का राज्याभिषेक किया गया, वे महाराजा बने। करणी सिंह महाराजा सार्दुल सिंह के पुत्र थे। उन्हीं की पत्नी थीं महारानी सुशीला कुमारी। 1929 में डूंगरपुर में जन्मी सुशीला कुमारी का विवाह बीकानेर राजपरिवार में हुआ। महाराजा करणी सिंह 1952 से 1977 तक सांसद रहे।

यह भी पढ़ें : डूंगरपुर राजपरिवार की राजकुमारी थी सुशीला कुमारी

इस दौरान सुशीला कुमारी लोकतांत्रिक कार्यों में भी अपनी भूमिका अदा करती रहीं। 1971 में पीवी पर्स की व्यवस्था खत्म होने तक वे महारानी रहीं। वहीं 1988 में महाराजा करणी सिंह के निधन के बाद उन्हें राजमाता का दर्ज मिला। इसके बाद वें ही राजपरिवार की व्यवस्थाएं संभालती रहीं। हालांकि पिछले कुछ समय से उन्होंने कुछ एक व्यवस्थाओं के अलावा हस्तक्षेप बंद कर दिया था। वर्तमान में विधानसभा पूर्व से विधायक सिद्धि कुमारी उनकी पौत्री हैं।


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग