
Jaipur News: जयपुर। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा बुधवार शाम तक जयपुर नगर निगम हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर के निलंबन से जुड़ी फाइल का इंतजार करते रहे और डीएलबी ने एक और नोटिस जारी कर दिया। विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम की तरफ से बुधवार शाम को जारी नोटिस में महापौर को तीन दिन में अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। इसमें भी एसीबी की और से दर्ज मामले का हवाला दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक उपनिदेशक स्तर पर हुई जांच में महापौर मुनेश गुर्जर के निलंबन की अनुशंसा की गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नगरपालिका अधिनियम की धारा 39 के तहत अंतिम नोटिस देना आवश्यक है, जो निदेशक जारी करता है। उपनिदेशक जांच अधिकारी है और निदेशक सुनवाई का अंतिम मौका देता है, इसलिए अधिनियम के तहत नोटिस जारी करना आवश्यक था। हालांकि, मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस प्रक्रिया की पहले जानकारी नहीं देने पर नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि महापौर एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
मंत्री खर्रा बुधवार दोपहर बाद पाली से जयपुर पहुंचे। पाली से रवाना होने से पहले अधिकारियों को महापौर प्रकरण से जुड़ी फाइल जयपुर पहुंचते ही लाने के लिए निर्देशित किया गया। शाम को सचिवालय पहुंचे और फाइल आने का इंतजार करते रहे। काफी देर बाद विभागीय अधिकारियों को फोन किया तो उन्हें नया नोटिस जारी करने की जानकारी दी गई। मंत्री ने इस पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सवाल किया कि- क्या पहले नाेटिस गलत जारी कर दिया, कोई और कारण तो नहीं है।
उपनिदेशक ने जांच कर रिपोर्ट दी है और अधिनियम के तहत निदेशक स्तर पर सुनवाई का अंतिम मौका देना जरूरी है। इसी आधार पर नोटिस जारी किया गया है।
-राजेश कुमार यादव, प्रमुख सचिव, स्थानीय निकाय विभाग
शाम तक फाइल नहीं आई तो अधिकारियों से जानकारी ली। निदेशक स्तर पर अंतिम नोटिस जारी किया गया। दिखवा रहा हूं कि अब नोटिस देना आवश्यक था या नहीं।
-झाबर सिंह खर्रा, स्वायत्त शासन मंत्री
Updated on:
19 Sept 2024 07:34 am
Published on:
19 Sept 2024 07:32 am
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