
Statue of Unity File Photo Patrika
जयपुर/अहमदाबाद। नर्मदा के शांत तट पर फैली हरियाली के बीच जब सूरज की किरणें लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति पर पड़ती हैं, तो पूरा इलाका मानो स्वर्णिम आभा से नहा उठता हो। गुजरात का नर्मदा जिले का एकता नगर, जहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी खड़ी है। आज देश की एकता का नहीं, बल्कि प्रकृति और विकास के संगम का प्रतीक भी बन चुकी है। यहां विकास-प्रकृति का विस्तार एक साथ होते हुए देखा जा सकता है। वर्ष 2018 में इसका लोकार्पण किया गया। तब से लेकर अब तक आस-पास का माहौल अब पूरी तरह बदल चुका है। कभी शांत और दूर-दराज माने जाने वाला यह इलाका अब जीवन और उत्साह से भरा हुआ है। नर्मदा नदी का निर्मल जल चारों ओर हरियाली सैलानियों को आकर्षित करती है।
वैली ऑफ फ्लावर्स, बटरफ्लाई गार्डन और आरोग्य वन ने इस क्षेत्र को इको जोन बना दिया है। यहां का आकर्षण सैलानियों को खींच लाता है। तभी तक लोकार्पण से लेकर अब तक ढाई करोड़ से अधिक सैलानी यहां आ चुके हैं।
स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले, इसके लिए एकता नगर क्षेत्र में 19 गांव आते हैं। इनमें करीब 22000 की आबादी है। रोजगार की बात आती है तो इन लोगों को प्राथमिकता मिलती है। आदिवासी महिलाएं एकता रसोई संचालित करती हैं। यहां परम्परागत खाना मिलता है। वहीं ई-ऑटो भी आदिवासी ही चला रहे हैं। इसके अलावा नर्सरियों से लेकर अन्य जगह आदिवासी काम कर रहे हैं। इनको ट्रेनिंग भी दी जाती है। स्थानीय प्रशासन की मानें तो नर्मदा जिले कुल आबादी में 90 फीसदी आदिवासी हैं।
-40 लाख से अधिक सैलानी पहुंच रहे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने
-40 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं एकता नगर में पिछले पांच वर्ष में
-08 रिसोर्ट बनाए गए हैं, इनमें 50 से 100 के बीच रूम हैं
-स्थानीय स्तर पर लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए पीजी कल्चर भी किया जा रहा है विकसित
-दो वर्ष में विजिटर्स सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा
-120 किमी में क्रूज चलाने की भी है योजना
Published on:
31 Oct 2025 02:24 pm
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