
JLF 2024 : लेखक पत्रकार नीरजा चौधरी ने अपनी किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' में देश के प्रधानमंत्रियों से जुड़े किस्से साझा किए हैं। सेशन के दौरान नीरजा ने 2004 के बाद सोनिया गांधी के संसदीय दल की नेता चुने जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनने के पीछे की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि तब पक्ष और विपक्ष में अच्छे संबंध होते थे। दोनों ही तरफ के लोग मिलते और सलाह भी लेते थे। उनमें सम्मान की भावना भी होती थी।
नीरजा ने कहा कि राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने के पक्ष में नहीं थे। राहुल ने साफ शब्दों में मां को मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं आपको प्रधानमंत्री नहीं बनने दूंगा। मेरे पिता की हत्या कर दी गई। मेरी दादी की हत्या कर दी गई। छह महीने में आप भी मार दी जाएंगी।
अगर आपने (सोनिया गांधी) मेरी बात नहीं सुनी तो मैं बहुत कड़ा फैसला ले लूंगा। इसी बीच सोनिया और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की बात हुई। वाजपेयी से सोनिया ने आशीर्वाद मांगा। वाजपेयी ने कहा कि आपको मेरा आशीर्वाद है, लेकिन आप इस पद को स्वीकार मत कीजिएगा। आपके पीएम बनने से देश बंटेगा और सिविल सर्विसेज के अधिकारियों पर दबाव बढ़ जाएगा।
पक्ष-विपक्ष में मधुर व्यवहार
नीरजा ने कहा, अब हालात बदल गए हैं लेकिन पक्ष और विपक्ष के व्यवहार को आप इसी समझ सकते हैं कि राजीव गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी को कैंसर के इलाज के अमरीका भेजा था। वह हर साल उनको चेकअप के लिए भेजते थे, उसके बाद भी जो प्रधानमंत्री हुए उन्होने इसको दोहराया। लेकिन किसी ने भी इसको सार्वजनिक नहीं किया जबकि इस बात का फायदा उठाया जा सकता था। इसी के साथ कई विषयों पर पक्ष विपक्ष मिलकर चर्चा करता था, बातों को गुप्त रखा जाता था और वहीं बात करते थे जो आवश्यक हो।
Published on:
04 Feb 2024 08:18 pm
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