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NEET 2023: एनसीईआरटी आधारित रहा प्रश्न-पत्र, बायोलॉजी और कैमेस्ट्री के प्रश्नों में उलझे छात्र, फिजिक्स से मिली राहत

NEET 2023: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट-यूजी 2023 रविवार को हुई। इस परीक्षा से स्टूडेंट्स को देशभर के मेडिकल कॉलेजों की 1.90 लाख सीटों पर प्रवेश मिलेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि नीट एग्जाम का पेपर एनसीईआरटी पर आधारित था।

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जयपुर. NEET 2023: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट-यूजी 2023 रविवार को हुई। इस परीक्षा से स्टूडेंट्स को देशभर के मेडिकल कॉलेजों की 1.90 लाख सीटों पर प्रवेश मिलेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि नीट एग्जाम का पेपर एनसीईआरटी पर आधारित था। कक्षा 11 व 12 के टॉपिक का वेटज बराबर था। जिन स्टूडेंट्स ने एनसीईआरटी को अच्छे से पढ़ा है उन्हें फायदा मिलेगा। कैमेस्ट्री के कुछ सवालों ने स्टूडेंट्स को उलझाया, तो फिजिक्स ने सुलझाया। इस बार डिसाइडिंग सब्जेक्ट बॉयोलॉजी रहेगा।

इन-ऑगेनिक केमेस्ट्री रही ठप
नीट एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा ने बताया कि पेपर एनसीईआरटी आधारित रहा। 46 प्रश्न एनसीईआरटी और 4 प्रश्न एप्लीकेशन ऑरियेटेंड होने के कारण फिजिक्स इजी रही। इस बार मॉर्डन फिजिक्स, इलेक्ट्रो मैग्नेटिज्म और मैकेनिक्स का वेटेज भी बढ़ा। ज्यादातर प्रश्न पिछले सालों के पैटर्न पर थे। फिजिकल केमेस्ट्री का वैटेज बढ़ा, ऑगेनिक केमेस्ट्री का कम हुआ। इस बार स्टेटमेंट और असरसन रिजन बेस दस प्रश्नों के कारण इन-ऑगेनिक केमेस्ट्री ठप रही।

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बायो में टाइम मैनेजमेंट डिस्टर्ब
नीट एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा ने बताया कि पिछले सालों की तुलना में बायोलॉजी का पेपर का पैटर्न बदला और पेपर लंबा था। बॉटनी और जूलॉजी में पहली बार स्टेटमेंट और असरसन रीजन बेस प्रश्न ज्यादा आए। जिससे स्टूडेंट्स का टाइम मैनेजमेंट डिस्टर्ब हुआ। बॉटनी से 12 और जूलॉजी से 18 प्रश्न असरसन रीजन बेस थे। वहीं बॉटनी से 5 और जूलॉजी से 13 प्रश्न कॉलम मेचिंग बेस थे।

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एनसीईआरटी पढऩे वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा
नीट का पेपर एनसीईआरटी आधारित था। पेपर का स्तर औसत रहा। फिजिक्स का सामान्य तो केमेस्ट्री का पेपर अन्य विषयों की तुलना में थोड़ा कठिन था। इन-ऑर्गेनिक कैमेस्ट्री के प्रश्न, औसत से थोड़ा ऊपर थे। एनसीईआरटी को गहराई से पढऩे वाले स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा।
डॉ. आर.एल. पूनिया, नीट एक्सपर्ट