
राजस्थान में बनेगी नई ऊर्जा नीति, 30 साल की बिजली का होगा हिसाब—किताब
जयपुर। सरकार के निर्देश के बाद राज्य में नई ऊर्जा नीति तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। यह अगले 30 वर्षों में पर्याप्त बिजली मांग, उपलब्धता और आपूर्ति के आधार पर बनाई जाएगी। वर्ष 2050 तक का खाका इस नीति में होगा। इसके लिए ऊर्जा विभाग ने राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक और डिस्कॉम्स चेयरमेन भास्कर ए सावंत की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। इसमें सभी बिजली कंपनियों के प्रतिनिधि भी होंगे। सचिवालय में हुई बैठक में ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने इस संबंध में मंथन किया। वर्चुअल बैठक मेंऊर्जा विकास निगम, जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्काम, अक्षय ऊर्जा विकास निगम, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अफसर शामिल हुए।
यह होगा
प्रस्तावित नीति में घरेलू, कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही खेती के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने व उद्योगों को मांग के अनुसार विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के भी ठोस प्रयास होंगे। साथ ही राज्य में अक्षय उर्जा की उपलब्धता बढ़ाने, उपलब्ध संसाधनों का विद्युत उत्पादन व विपणन में उपयोग और आधुनिकीकरण की संभावनाओं का भी समावेश किया जाएगा। अग्रवाल ने बताया कि एमडी राजस्थान ऊर्जा विकास निगम श्री भास्कर ए सावंत की अध्यक्षता में गठित समिति सभी संबंधित बिन्दुओं व संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी।
कमेटी में यह होगा
इस कमेटी मेें जयपुर डिस्कॉम के निदेशक (तकनीकी), अजमेर वितरण निगम डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रतिनिधि, ऊर्जा विकास निगम के निदेशक, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
Published on:
09 Feb 2022 08:55 pm
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