
Rajasthan News: प्रदेश में जब्त बजरी बिक्री की आड़ में नदियों में अवैध खनन का नया खेल शुरू हो गया है। जब्त बजरी के स्टॉक के रवन्ना के सहारे नदियों से बजरी निकाल कर बेची जा रही है। बजरी का स्टॉक खत्म नहीं हो, इसके लिए ट्रकों को करीब 11 टन बजरी के रवन्ना (बजरी ले जाने का परमिट) दिए जा रहे हैं, जबकि ट्रकों में 80 टन तक बजरी बनास नदी से अवैध रूप से भरकर भेजी जा रही है।
बजरी माफिया को क्षेत्रीय राजनेता का भी आशीर्वाद होना बताया जा रहा है, जिससे पूरा जिससे पूरा सरकारी सिस्टम मौन है। सवाई माधोपुर क्षेत्र से जयपुर सहित आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बजरी आ रही है, लेकिन खान विभाग के अधिकारी सिर्फ बैठकों में रणनीति बनाने तक सीमित है। जमीन स्तर पर अवैध बजरी खनन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सवाई माधोपुर क्षेत्र के चौथ का बरवाड़ा, शिवाड़, महापुरा, भगवतपुरा और टोंक जिले में जब्त बजरी की खान विभाग ने नीलामी की थी। बजरी नीलामी में हिस्सा लेने वालों को रवन्ना बजरी बेचने के लिए जारी किए गए, लेकिन यह रवन्ना ही अवैध बजरी खनन को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रहे हैं। बजरी के नीलामी में बेचे गए स्टॉक को बेचने के लिए नीलामी की शर्तों में जो प्रावधान किए गए थे, उनकी भी पालना नहीं हो रही। बजरी स्टॉक से बेची नहीं जा रही, उसकी आड़ में नदी के पास सिवायचक जमीन से बजरी निकाली जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक सवाई माधोपुर क्षेत्र से बजरी के ट्रक जयपुर रोजाना बड़ी संख्या में आ रहे हैं। रास्ते में झिलाय, बरौनी, निवाई, चाकसू, सांगानेर पुलिस थाने पड़ते हैं, लेकिन सभी जगह से ट्रक 'सेवा' कर निकल रहे हैं।
Published on:
28 Sept 2024 08:10 am
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