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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: निकल चुकीं भर्तियों में भी आरक्षण के लिए नए पद बढ़ाएगी सरकार

New Posts for Reservation in Recruitments : गुर्जर नेताओं से CM Ashok Gehlot की मुलाकात के बाद सरकार ने यह निर्णय किया। दोनों वर्गों को आरक्षण का लाभ देने के लिए कार्मिक विभाग ने राज्य के लोकसेवा आयोग ( Public Service Commission ) और कर्मचारी चयन बोर्ड को निर्देशित कर दिया है...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Jun 25, 2019

ashok gehlot

जयपुर। प्रदेश में निकल चुकीं भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को 5 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण ( reservation ) देने के लिए Rajasthan n Government अतिरिक्त पदों ( New Posts ) का सृजन करेगी। हालांकि आर्थिक पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ सिर्फ उन भर्तियों में ही मिलेगा, जिनमें अभी तक परीक्षा आयोजित नहीं हुई है।

गुर्जर नेताओं से रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) की मुलाकात के बाद सरकार ने यह निर्णय किया। दोनों वर्गों को आरक्षण का लाभ देने के लिए कार्मिक विभाग ने राज्य के लोकसेवा आयोग ( Public Service Commission ) और कर्मचारी चयन बोर्ड को निर्देशित कर दिया है। सरकार ने अपने निर्णय के अनुसार आरक्षण प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करते हुए कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है। विभाग के निर्देशों के अनुसार MBC को 13 फरवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसमें एक प्रतिशत आरक्षण सरकार पूर्व में दे चुकी है।

विभाग कराएंगे अतिरिक्त पद सृजित
जिन भर्तियों में परीक्षा हो चुकी या परिणाम जारी हो चुका, उनमें एमबीसी को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संबंधित विभाग वित्त विभाग से 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद सृजित कराएंगे। भर्ती में अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को संभावित नुकसान को टालने के लिए ऐसा किया जाएगा।

ईडब्ल्यूएस को भी 10 प्रतिशत का लाभ
आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उन प्रक्रियाधीन भर्तियों में मिलेगा, जिनमें अभी किसी भी स्तर की परीक्षा आयोजित नहीं हुई है। एमबीसी को भी इन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।

फिर से होंगे आवेदन
जिन भर्तियों में परीक्षा आयोजित नहीं हुई है, उनमें सरकार ने फिर से आवेदन मांगेगी। संशोधित पदों की अभ्यर्थना फिर से लोकसेवा आयोग या चयन बोर्ड को भेजी जाएगी।

40 हजार से अधिक भर्तियों पर असर
सरकार के इस फैसले से फिलहाल प्रदेश में लम्बित 40 हजार से अधिक पदों वाली भर्तियों पर असर रहेगा। आरक्षण मसले को लेकर एलडीसी 2018, हैड मास्टर, प्रयोगशाला सहायक, विद्युत हैल्पर, पशुधन सहायक, पीटीआइ जैसी बड़ी संख्या में पदों वाली भर्तियां अटकी पड़ी थीं। अब इनका रास्ता खुलेगा लेकिन संशोधित अभ्यर्थना से अभी और विलम्ब होगा। पुस्तकालय अध्यक्ष, फार्मासिस्ट, स्टेनोग्राफर भर्तियों में करीब तीन हजार पदों के लिए अभी परीक्षा नही हुई है। ऐसे में इनमें फिर से आवेदन मांगे जाएंगे।