
जयपुर। पिछले 29 दिनों से नींदड गांव मेें जमीन में समाधि लगाए किसानों का जमीनी सत्याग्रह आखिरकार सोमवार को यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। किसानों व सरकार के साथ सचिवालय में वार्ता हुई। मंत्री कृपलानी ने बताया कि किसानों के एक पक्ष के साथ पहले ही सहमति बन चुकी थी। दूसरे पक्ष जो जमीनी सत्याग्रह कर रहा था उनसे वार्ता हुई है। अगले एक माह में वापस से सर्वे पूर्ण कर लिया जाएगा।
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किसानों ने आश्वासन दिया है कि जेडीए अपनी जमीन पर अब कार्य कर सकता है। इसको लेकर गतिरोध नहीं किया जाएगा। नीदड़ बचाओंं युवा किसान सघर्ष समिति के संयोजक नगेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि किसानों व सरकार से वार्ता हुई है। सरकार से वार्ता के दौरान सकारात्मक रूख देखने को मिला है। मंत्री कृपलानी ने आश्वासन दिया है कि अब वापस से उनके सर्वे करने की मांग को मान लिया गया है। अगले एक माह में सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके तहत मंदिर माफी की जमीन का भी अब सर्वे किया जाएगा। इसको लेकर भी सहमति बनी है।
अब लिखित मेें आदेश का इंतजार
शेखावत ने बताया कि सरकार की ओर से समझौता हो गया है। अब समझौता का लिखित में आदेश का इंतजार है। यहां पर एक विवाह कार्यक्रम भी है। शादी कार्यक्रम व लिखित में आदेश मिलने के बाद किसान हट जाएंगे।
प्रदेश का अनूठा सत्याग्रह
नींदड़ आवासीय योजना के लिए जमीन अवाप्ति के विरोध में 22 किसान-काश्तकारों ने 2 अक्टूबर को खुद को (गर्दन तक) जमीन के भीतर गाड़ दिया। इस दौरान सभी ने दिनभर के लिए भोजन त्याग दिया। कंठ सूखे तो दूसरे लोग आगे आए और पानी पिलाया। यह सत्याग्रह 29 दिनों तक जारी रहा।
Updated on:
30 Oct 2017 09:40 pm
Published on:
30 Oct 2017 05:38 pm
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