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विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ लाया जाएगा अविश्वास प्रस्ताव, BJP-RLP संयुक्त विधायक दल बैठक में फैसला

विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हो सकता है सदन में सरकार खुद विश्वास मत प्रस्ताव लेकर आ रही हो, लेकिन हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे।

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No confidence motion against Gehlot Government in Assembly

जयपुर।

राज्य विधानसभा का कल से शुरू हो रहा विशेष सत्र हंगामेदार होने के साथ ही दिलचस्प रहने वाला है। दरअसल भाजपा विधायक दल ने इसी सत्र के दौरान गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर लिया है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर हुई भाजपा व रालोपा विधायकों की संयुक्त विधायक दल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। भाजपा-रालोपा विधायक दल के इस फैसले से गहलोत सरकार में खलबली मचना स्वाभाविक है।

विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हो सकता है सदन में सरकार खुद विश्वास मत प्रस्ताव लेकर आ रही हो, लेकिन हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे।

वहीँ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व आमेर क्षेत्र से विधायक डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि विधायक दल की बैठक अच्छे माहौल में हुई है। बैठक में सभी विधायकों ने अपने विचार रखे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित वरिष्ट नेताओं ने भी अपनी बात राखी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार विग्रह का शिकार है। अपने ही विधायकों के खिलाफ एसओजी और एसीबी में मामला दर्ज करवाया गया है। सरकार के अन्दर ही भारी विरोधाभास है। हो सकता है सरकार खुद ही विश्वास प्रस्ताव लाए, लेकिन हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

हमारी पार्टी में सब सही है: कटारिया

वहीं विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पार्टी में गुटबाजी और अंतर्कलह की खबरों का खंडन किया। कटारिया ने कहा कि पार्टी के अन्दर सौ फ़ीसदी सब कुछ सही है।

केंद्रीय स्तर के नेताओं के बैठक में शामिल होने के सवाल पर कटारिया ने कहा कि कल से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र साधारण नहीं बल्कि विशेष परिस्थितियों में बुलाया गया सत्र है। सरकार में अभी भी कुछ सही नहीं चल रहा है। अभी भी बिखराव की स्थिति देखने को मिल रही है।

गहलोत और पायलट खेमेबाजी पर नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कटारिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी एक पूर्व तो एक पश्चिम दिशा की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन तमाम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय नेताओं के मार्गदर्शन में इस विशेष सत्र को लेकर रणनीति बनाई जायेगी।

इधर विधायक सिंघवी बोले- ‘वसुंधरा ही हमारी लीडर’

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले ही पार्टी की अंदरूनी खेमेबाज़ी सामने आ गई। पूर्व मंत्री व छाबडा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ही अपना लीडर बता डाला। सिंघवी के इस ताज़ा बयान ने उन अटकलों पर लगभग मुहर लगा ही दी जिसमें प्रदेश भाजपा दो या इससे ज़्यादा खेमों में बंटी हुई बताई जा रही थी।

बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश मुख्यालय पहुँचते ही विधायक प्रताप सिंह सिंघवी से मीडियाकर्मियों ने पार्टी में गुटबाजी के सन्दर्भ में सवाल पूछे। इसपर सिंघवी ने साफ़ कहा कि वसुंधरा राजे ही उनकी लीडर हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सतीश पूनिया की बात मानना हमारी ज़िम्मेदारी है।

गौरतलब है कि सिंघवी, शुरू से ही वसुंधरा राजे के सबसे करीबी रहे नेताओं के समूह के माने जाते हैं। बुधवार को भी वे राजे से मिलने उनके सिविल लाइन्स स्थित आवास पहुंचे थे। सप्ताह भर से भी ज़्यादा के दिल्ली दौरे से वापस लौटी वसुंधरा राजे से उनकी मुलाक़ात के भी कई मायने निकाले गए। विधायक दल की बैठक से ठीक पहले राजे और सिंघवी ने कुछ अन्य विधायकों के सात लम्बी मंत्रणा की।