दरअसल,
विनियामक आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के फैसले में छात्रावास की परिभाषा स्पष्ट
की है। इससे पहले के आदेश में छात्रावास को ये कहते हुए घरेलू श्रेणी में माना था
कि वहां विशुद्ध रूप में बिजली घरेलू उपयोग में आ रही है जबकि फील्ड में कमाई के
लिए सैकड़ों छात्रावास चल रहे हैं।
ऎसे में नए आदेश में आयोग ने यह स्पष्ट
किया कि सिर्फ घरेलू श्रेणी में वे ही हॉस्टल आएंगे, जो सरकारी शिक्षण संस्थान,
मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान या फिर चेरिटेबल इंस्टीट्यूट से सम्बन्घित हों।
इसके अलावा शेष सभी निजी छात्रावास आयोग ने अघरेलू श्रेणी में माने
हैं।
पहले सर्वे,फिर देंगे सूचना
राजधानी में निजी छात्रावास को चिह्नित
करने के लिए पहले सहायक अभियंता के स्तर पर सर्वे किया जाएगा। इसके बाद उन्हें
नोटिस देकर श्रेणी बदलवाने के लिए सूचना दी जाएगी। वर्तमान में घरेलू बिजली औसतन
6.21 रूपए प्रति यूनिट व अघरेलू बिजली 7.83 रूपए प्रति यूनिट है। ऎसे उपभोक्ताओं को
श्रेणी बदलवाने पर प्रति यूनिट 1.62 रूपए का अतिरिक्त भार आएगा।
घरेलू
श्रेणी की बिजली उपयोग कर रहे निजी छात्रावास संचालकों को चिह्नित कर अघरेलू श्रेणी
में कनेक्शन बदलने के निर्देश मिले हैं। एक-दो दिन में ऎसे उपभोक्ताओं को नोटिस की
कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। एस.के.माथुर, अधीक्षण अभियंता (सिटी सर्किल), जयपुर
डिस्कॉम