पांच से सात भक्त ही दर्शनों के लिए आते हैं
मौजूदा स्थिति की बात करें तो अब दिन भर में पांच से सात भक्त ही दर्शनों के लिए आते हैं। कई मंदिरों में तो आस-पास के लोग आकर सुबह-शाम पूजा पाठ करके जाते हैं। सैकड़ों की तादाद में दिनभर आने वाले भक्त अब शायद इन मंदिरों को भूलने लगे हैं। माणकचौक थाने के पीछे गौरीशंकर महादेव मंदिर को शिफ्ट किया गया। इसके अलावा अमनेश्वर, जमनेश्वर महादेव मंदिर,श्रीगणेश शिव मंदिर और धु्रव मुखी महावीन हनुमान मंदिर को भी शिफ्ट किया गया।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो अब दिन भर में पांच से सात भक्त ही दर्शनों के लिए आते हैं। कई मंदिरों में तो आस-पास के लोग आकर सुबह-शाम पूजा पाठ करके जाते हैं। सैकड़ों की तादाद में दिनभर आने वाले भक्त अब शायद इन मंदिरों को भूलने लगे हैं। माणकचौक थाने के पीछे गौरीशंकर महादेव मंदिर को शिफ्ट किया गया। इसके अलावा अमनेश्वर, जमनेश्वर महादेव मंदिर,श्रीगणेश शिव मंदिर और धु्रव मुखी महावीन हनुमान मंदिर को भी शिफ्ट किया गया।
मेट्रो गार्ड मंदिर की धुलाई करते हैं
सभी मूॢतयों को प्राण प्रतिष्ठा के साथ विराजमान किया गया। जिसके बाद दो-चार दिन तो रौनक रही, लेकिन अब भगवान भक्तों के लिए तरस रहे हैं। यहां तैनात मेट्रो गार्ड की मानें तो मंदिर की धुलाई वे खुद करते हैं और पूजा के लिए गिने चुने लोग ही आते हैं।कुछ यही स्थिति आतिश मार्केट में विराजे कष्टहरण महादेव, बारहलिंग महादेव और रामेश्वर महादेव मंदिर की भी है।
सभी मूॢतयों को प्राण प्रतिष्ठा के साथ विराजमान किया गया। जिसके बाद दो-चार दिन तो रौनक रही, लेकिन अब भगवान भक्तों के लिए तरस रहे हैं। यहां तैनात मेट्रो गार्ड की मानें तो मंदिर की धुलाई वे खुद करते हैं और पूजा के लिए गिने चुने लोग ही आते हैं।कुछ यही स्थिति आतिश मार्केट में विराजे कष्टहरण महादेव, बारहलिंग महादेव और रामेश्वर महादेव मंदिर की भी है।
read :शिक्षा विभाग का निराला निरीक्षण- पहले ही बताकर स्कूलों को किया सचेत, मिड-डे-मील और अन्नपूर्णा दूध योजना की जानना है हकीकत रास्ता सुगम नहीं रहा और आस्था भी कम हो गई गौरीशंकर महादेव मंदिर के दर्शन करने आए राकेश शर्मा कहते हैं कि पहले मंदिर सभी की पहुंच में था तो भक्त आसानी से दर्शन कर लेते थे। एक अन्य भक्त विमल कसेरा का कहना था कि जिस तरह से मंदिर को तोड़ा उससे लोगों की जनभावना आहत हुईं।