
जयपुर। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की कोयला मंत्रालय से लगातार चार साल से पुरस्कृत खदान परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) खदान ने वृक्षारोपण में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
हमेशा से यह कहा जाता रहा है कि साल एक जंगली वृक्ष है, जो घने जंगलों में अपने आप ही उग जाता है। इसे अन्य जगहों पर नहीं उगाया जा सकता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के एमडीओ अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के बागवानी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने साल के पौधों की नर्सरी तैयार की है। बल्कि इन्हें माइंस के रिक्लेमेशन एरिया में उगाकर एक नए जंगल को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। जिसमें पिछले 10 वर्षों से अब तक 87 हजार से ज्यादा साल के पौधों को मिश्रित प्लांटेशन के रूप में रोपित किया जा चुका है। जो समयानुसार लगभग 20 से 30 फुट ऊँचाई के वृक्ष बन चुके हैं।
आरआरवीयूएनएल की खदान परसा ईस्ट कांता बासन खुली खदान परियोजना सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील में है। इसके खनन का कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था। इसके लिए वन विभाग द्वारा जंगलों में वर्ष वार लक्ष्यों के अनुसार कुछ पेड़ों का विदोहन किया जाता है। जंगल में कई तरह के वृक्ष जैसे साल, महुआ, खैर, बरगद, बीजा, हर्रा, बहेरा इत्यादि प्रजाति के वृक्ष शामिल हैं, जिनमें से साल का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष है, जो सिर्फ जंगलों में ही उगता है और इसकी लकड़ी में कभी घुन नहीं लगता है।
पीईकेबी खदान के रेकलैम्ड क्षेत्र में अक्टूबर 2023 तक 90 प्रतिशत से अधिक सफलता की दर के साथ में 11.50 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। इसके अलावा, पीईकेबी खदान ने वन विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2023-24 में इस अभियान के तहत 2.10 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं।
Published on:
14 Jun 2024 09:17 pm
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