
जयपुर
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी छोड़कर जाने वाले नेताओं की घर वापसी को लेकर इन दिनों प्रदेश भाजपा में चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि जिन आधा दर्जन नेताओं की घर वापसी की बात कही जा रही है। उनका फैसला पार्टी की कोर कमेटी करेगी।
पार्टी की कोर कमेटी की बैठक 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में कोटा में आयोजित होगी जिसमें नेताओं की घर वापसी का फैसला होगा। बीजेपी छोड़ कर जा चुके सुरेंद्र गोयल, देवी सिंह भाटी, मानवेंद्र सिंह, सुभाष महरियाऔर राजकुमार रिणवा का फैसला पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में होगा।
नेताओं की घर वापसी के लिए बनेगी
कमेटी
इससे पहले प्रदेश भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह ने भी आज इस बात के संकेत दिए कि बीजेपी छोड़ कर जा चुके नेताओं की घर वापसी फैसले के लिए एक कमेटी का गठन होगा। कमेटी नेताओं के प्रोफाइल और तमाम पहलुओं पर चर्चा करके रिपोर्ट तैयार करेगी।
जो नेता पार्टी की नीतियों में विश्वास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए जा रहे कामकाज से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन करना चाहेगा उसे ही पार्टी में शामिल करवाया जाएगा। कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंप देगी और सतीश पूनिया उसके बाद अपनी सहमति देकर अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को देंगे।
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घर वापसी की राह में बने रोड़ा
वही दिलचस्प बात तो यह है कि एक तरफ तो नेताओं की घर वापसी का फैसला पार्टी कोर कमेटी करेगी लेकिन पार्टी कोर कमेटी में ही कई नेता ऐसे हैं जो इन नेताओं की घर वापसी का विरोध कर रहे हैं। कोर कमेटी के सदस्य और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और देवी सिंह भाटी के बीच अदावत जगजाहिर है इसके अलावा केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और मानवेंद्र सिंह के बीच भी लंबी अदावत चली आ रही है ऐसे में पार्टी का एक धड़ा ही इनकी घर वापसी का विरोध कर रहा है।
Published on:
11 Oct 2022 02:55 pm
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