
Organ Transplant Case : जयपुर। गुरुग्राम में अंगों की खरीद फरोख्त के बाद राजधानी जयपुर में मरीजों का ऑपरेशन कर अंग लगाए जाते थे। इसके लिए दलाल ही अंग बेचने व अंग लगाने वालों की पूरी व्यवस्था करते थे। अंगों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते एवं गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक गेस्ट हाउस पर छापा मारा, लेकिन जयपुर में कार्रवाई होने की भनक लगने पर गुरुग्राम टीम के पहुंचने से पहले ही गिरोह का सरगना और उसके साथी वहां से भाग गए थे।
इस संबंध में गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने स्थानीय सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि झारखंड निवासी मोहम्मद अंसारी अपने साथियों के साथ दिल्ली एयरपोर्ट से बांग्लादेशी मरीजों को गुरुग्राम स्थित गेस्ट हाउस और होटल में रुकवाता था और बाद में किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में भेजता था।
शिकायत में यह भी लिखा गया है किडनी ट्रांसप्लांट करने के बदले एक मरीज से लाख रुपए वसूलते थे और किडनी देने वाले व्यक्ति को चार लाख रुपए देते थे। किडनी बेचने वाले को 2 दो लाख सर्जरी से पहले और 2 लाख रुपए सर्जरी के बाद देते थे। मोटी रकम गैंग आपस में बांट लेती है। गुरुग्राम पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में भी लिया है।
जयपुर में किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले और करने के बाद मरीजों व डोनर को गुरुग्राम के गैस्ट हाउस में आराम के लिए ठहराया जाता था। इसके लिए गेस्ट हाउस मालिक को लाखों रुपए दिए जाते थे। आरोपी मोहम्मद अंसारी दिल्ली से लेकर जयपुर तक अपनी जड़े फैला रखी है। आरोपी के साथ बांग्लादेश के कुछ लोग भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान एसीबी ने अंग प्रत्यारोपण के लिए निजी हॉस्पिटलों को एसएमएस अस्पताल की कमेटी के नाम पर रिश्वत लेकर फर्जी एनओसी देने के मामले का 2 अप्रैल को ही खुलासा किया था। एसीबी ने एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह व फोर्टिस हॉस्पिटल के विनोद व ईएचसीसी हॉस्पिटल के अनिल जोशी को गिरफ्तार किया था।
Published on:
05 Apr 2024 07:45 am
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