
जयपुर. अंग प्रत्यारोपण मामले में फर्जी एनओसी जारी करने व मानव अंगों की खरीद फरोत करने के मामले में चार मामले दर्ज किए गए। लेकिन चारों ही मामलों में पुलिस की जांच अभी तक किसी रसूखदार तक नहीं पहुंच सकी है। सबसे पहले एसीबी ने अंग प्रत्यारोपण मामले में रिश्वत लेकर फर्जी एनओसी जारी करने का मामला उजागर किया था। चौकाने वाली बात है कि एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह पर आरोप लगाया कि उसने अन्य अधिकारियों व कुछ चिकित्सकों से मिलीभगत कर तीन वर्ष में 800 से अधिक फर्जी एनओसी जारी कर दी।
आरोपी हर फर्जी एनओसी के 35 हजार वसूलता था। इसके बाद गुरुग्राम में अंगों की खरीद फरोत कर जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में ऑपरेशन करने का मामला सामने आया। गुरुग्राम पुलिस ने तीन मरीज व दो डोनर को गिरतार किए। मामला जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल से जुड़ा होने पर सरकार से अनुमति मिलने के बाद मालवीय नगर थाने में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज की गई। वहीं ईएचसीसी हॉस्पिटल जयपुर के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में होने पर एक मामला यहां दर्ज किया गया। लेकिन चारों दर्ज मामलों में अभी तक निजी हॉस्पिटल के किसी प्रबंधन या फिर चिकित्सक की गिरतारी नहीं हुई है। जबकि निजी हॉस्पिटल में फर्जी एनओसी पर धड़ल्ले से बड़ी संया में अंग प्रत्यारोपण किए गए।
दिल्लीकी मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक सुमन जाना, दलाल सुखमय नंदी उर्फ गोपाल, एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस हॉस्पिटल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह, गिरिराज शर्मा व ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी, बांग्लादेश नागरिक नूरूल इस्लाम, मेहंदी हसन शमीम, मोहमद अहशानुल कोबीर व मोहमद आजाद हुसैन को गिरतार किया जा चुका है।
Published on:
09 May 2024 01:03 pm
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