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हमारी 74 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों कर दी सप्लाई

Solar Energy

हमारी 74 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों कर दी सप्लाई
हमारी 74 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों कर दी सप्लाई


जयपुर। राजस्थान भले ही सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता में देश में पहले पायदान पर है, लेकिन हकीकत यह है कि इसका बड़ा फायदा प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं मिल ही नहीं रहा। यहां अभी सौर ऊर्जा उत्पादन 13074 मेगावाट है और इसमें पिछले दस साल में 11888 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई। लेकिन कुल उत्पादन में से केवल 3326 मेगावाट सस्ती बिजली ही प्रदेश को मिल रही है। बाकी बिजली दूसरे राज्यों में सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में सोलर पार्क विकसित करने वाली कंपनियों से हुए अनुबंध में राजस्थान डिस्कॉम्स को सौर ऊर्जा देने बाध्यता नहीं होने के कारण यह स्थिति पनपी है।

उधर, थर्मल (कोयला आधारित) प्लांट से बन रही महंगी बिजली की खपत पिछले दस साल में 84 प्रतिशत बढ़ चुकी है। ऐसे में रूफटॉप सोलर बड़ा विकल्प है, जिसके जरिए हर घर की छत से बिजली उत्पादन हो सकता है। सरकार को भी इस स्थिति की जानकारी है।

समझें : सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ता गया, हमारा हिस्सा घटता गया

-667.75 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन था वर्ष 2013 में

-375.25 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रदेश को मिलती रही

-56 प्रतिशत हिस्सा

-13074 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन था जून, 2022 तक

-3326 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रदेश को मिली

-26 प्रतिशत हिस्सा ही

यूं बढ़ी बिजली खपत

-3,79,040 लाख यूनिट बिजली खपत 2012-13 में

-6,96,810 लाख यूनिट बिजली खपत 2021-22 में

-3,17,770 लाख यूनिट बिजली ज्यादा खपत हो रही अब

-84 प्रतिशत बिजली खपत बढ़ गई

इस तरह समझें दिक्कत और समाधान

-देश में सबसे ज्यादा रेडिएशन (सौर ऊर्जा) राजस्थान में है। यहां प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य हमसे काफी पीछे हैं।

-इसी कारण बड़ी कंपनियां राजस्थान में सोलर पार्क लगाने के लिए निवेश कर रही है। सरकार भी इन्हें जमीन आवंटित कर रही है। लेकिन न तो सोलर पॉलिसी और न ही अनुबंध में बाध्यता है कि कंपनियां सस्ती बिजली का कुछ हिस्सा राजस्थान को भी देंगी।-मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में इस संबंध में घोषणा की, लेकिन अफसरों ने अभी तक इसे धरातल पर उतारने के लिए कुछ नहीं किया गया।

रूफटॉप सोलर : दूसरे राज्य मे सप्लाई नहीं हो सकती

रूफटॉप सोलर प्लांट से उत्पादित ज्यादातर बिजली का उपयोग उपभोक्ता स्वयं के लिए करता है। बची बिजली ग्रिड में जाती है और उसका उपयोग भी प्रदेशवासियों के लिए हो रहा है। इस बिजली को दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं की जा सकती। थर्मल प्लांट से उत्पादित बिजली की तुलना में सौर ऊर्जा ढाई गुना सस्ती भी है।