
जोधपुर में हेलीकॉप्टर से हमले के बाद मृत टिड्डियां।
मानसून की दिशा दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्व रहती है लेकिन राजस्थान में बंगाल की खाड़ी की मानसूनी शाखा से बरसात अधिक होने की वजह से हवा पूर्व से पश्चिमी की ओर भी चलती है, जिसे मानसून की पुरवाई करते हैं। मानसून की पुरवाई की तीव्रता अधिक हुई तो टिड्डी बिहार से उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान होते हुए वापस पाक में घुस सकती है। दरअसल टिड्डी का एक विशेष रुट है और वह उसी रुट पर मौसम के अनुसार आगे बढ़ती है। सर्दियों में टिड्डी अफ्रीका के पश्चिमी देशों और लाल सागर के दोनों और बसे देशों में प्रवसन करती है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही टिड्डी अफ्रीका के पश्चिमी से पूर्व व उत्तर दिशा में बसे देशों में जाती है वहीं खाड़ी देशों से यह ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक आती है। भारत से आगे सामान्यत टिड्डी नहीं जाती है, हालांकि इस साल नेपाल भी पहुंच गई।
नवम्बर की बजाय फरवरी में गई टिड्डी
भारत-पाक में 26 साल बाद वर्ष 2019 में टिड्डी का हमला हुआ था। पाकिस्तान ने सिंध व पंजाब प्रांत में स्थित मरुस्थल में टिड्डी के अण्डों और हॉपर को खत्म करने की बजाय प्रश्रय दिया था ताकि वे अपने प्राकृतिक रुट के अनुसार भारत की तरफ बढ़े और वहां वनस्पति को नुकसान पहुंचाए। यही कारण रहा कि 2019 में टिड्डी सर्दियों की शुरुआत यानी नवम्बर में लौटने की बजाय फरवरी 2020 तक आती रही। इससे भारत की रबी की फसल को नुकसान हुआ। राजस्थान में एक हजार करोड़ का खराबा हुआ था।
टिड्डियां उड़ाते
किसान की मौत
घड़साना (श्रीगंगानगर). चार जीडीए का किसान जगरूप सिंह पुत्र लाभ सिंह रविवार को टिड्डियां उड़ाने के लिए खेत पर पीपा लेकर पहुंचा। टिड्डी दल के फसल चट करने पर वह बेहोश होकर गिर गया। आसपास के किसानों ने परिजनों को सूचना दी। चर्चा है कि सदमे से हृदयगति रुकने से हादसा हुआ।
जोधपुर ञ्च पत्रिका. भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने रविवार सुबह जोधपुर के लोहावट में केरला नाडा गांव में टिड्डी पर हमला बोला। टिड्डी दल पर वायुसेना के हेलीकॉप्टर का यह पहला ट्रायल था जो सफल रहा।
Published on:
06 Jul 2020 06:13 pm
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