राजधानी में अनुमान के मुताबिक पांच हजार लीटर से अधिक दूध की खीर बनाकर वितरित होगी। गोविंददेव जी मंदिर में शाम 7 से 7.15 बजे तक विशेष झांकी सजेगी। जयपुर में स्थित गलतापीठ सहित अन्य तीर्थ में कार्तिक स्नान करने की शुरुआत होगी।
शुभ कार्य के लिए खास दिन: पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि ग्रह गुरु स्वराशि मीन में चंद्रमा के साथ रहने से गजकेसरी, बुध ग्रह उच्च राशि कन्या में रहने से बुधादित्य योग, शनि स्वराशि मकर में रहने से शश योग बनेगा। विशेष तिथि और सितारों का शुभ संयोग बनने से खरीदारी, नए काम शुरू करना शुभ रहेगा। वाहन, प्रॉपर्टी खरीदने निवेश के साथ ही जॉब और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए पूरा दिन फायदेमंद रहेगा।
इसलिए है खास शरद पूर्णिमा: पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि दमा, अस्थमा के रोगियों के लिए चंद्ररात किरणों में ग्रहण की गई औषधियुक्त खीर फायदेमंद है। कुछ देर चांद की चांदनी में बैठने से उर्जा का संचार होता है।
चांदी के पात्र का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि छह से ज्यादा संयोग 50 साल में एक दिन में होना, पर्व की महत्ता को खास बनाएगा। खीर में मौजूद सभी सामग्री जैसे दूध, चीनी और चावल के कारक चन्द्रमा ही है। प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. वंदना जोशी के मुताबिक खीर बनाकर रखने का वैज्ञानिक कारण भी है। दूध में लैक्टिक एसिड होता है। ये चंद्रमा के तेज प्रकाश में दूध में पहले से मौजूद बैक्टिरिया को बढ़ाता है। चांदी के बर्तन में रखने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।