scriptSharad Purnima 2022: पूर्णिमा का पंचयोग, दूर करेगा दु:ख, दर्द और वियोग, करना होगा यह विशेष उपाय, होगी धन की वर्षा | Panchyog of Poornima will remove sorrow, pain and separation | Patrika News

Sharad Purnima 2022: पूर्णिमा का पंचयोग, दूर करेगा दु:ख, दर्द और वियोग, करना होगा यह विशेष उपाय, होगी धन की वर्षा

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2022 03:32:01 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

Sharad Purnima 2022: ध्रुवयोग, उत्तराभाद्रपद, रेवती नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि, राजयोग शरद पूर्णिमा के मौके पर पंचयोग बना रहा हैं। इसके अलावा इस बार अन्य योग-संयोगों में आश्विन पूर्णिमा रविवार को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। इस मौके पर चंद्रमा की तेज धवल रोशनी के साथ 16 कलाओं से परिपूर्ण रहेगा।

purnima.jpg

Sharad Purnima 2022: ध्रुवयोग, उत्तराभाद्रपद, रेवती नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि, राजयोग शरद पूर्णिमा के मौके पर पंचयोग बना रहा हैं। इसके अलावा इस बार अन्य योग-संयोगों में आश्विन पूर्णिमा रविवार को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। इस मौके पर चंद्रमा की तेज धवल रोशनी के साथ 16 कलाओं से परिपूर्ण रहेगा। ठाकुर जी को श्वेत पोशाक धारण करवाने के साथ ही रात्रि में ही खीर बनाकर चंद्रमा के प्रकाश में रखकर अर्धरात्रि में भोग लगाया जाएगा।

राजधानी में अनुमान के मुताबिक पांच हजार लीटर से अधिक दूध की खीर बनाकर वितरित होगी। गोविंददेव जी मंदिर में शाम 7 से 7.15 बजे तक विशेष झांकी सजेगी। जयपुर में स्थित गलतापीठ सहित अन्य तीर्थ में कार्तिक स्नान करने की शुरुआत होगी।

पूर्णिमा तिथि का आरंभ : 09 अक्‍टूबर को सुबह 3.42 बजे से आरंभ

पूर्णिमा तिथि का समापन : 09 अक्‍टूबर को रात 2.25 तक

शुभ कार्य के लिए खास दिन: पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि ग्रह गुरु स्वराशि मीन में चंद्रमा के साथ रहने से गजकेसरी, बुध ग्रह उच्च राशि कन्या में रहने से बुधादित्य योग, शनि स्वराशि मकर में रहने से शश योग बनेगा। विशेष तिथि और सितारों का शुभ संयोग बनने से खरीदारी, नए काम शुरू करना शुभ रहेगा। वाहन, प्रॉपर्टी खरीदने निवेश के साथ ही जॉब और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए पूरा दिन फायदेमंद रहेगा।

इसलिए है खास शरद पूर्णिमा: पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि दमा, अस्थमा के रोगियों के लिए चंद्ररात किरणों में ग्रहण की गई औषधियुक्त खीर फायदेमंद है। कुछ देर चांद की चांदनी में बैठने से उर्जा का संचार होता है।

चांदी के पात्र का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि छह से ज्यादा संयोग 50 साल में एक दिन में होना, पर्व की महत्ता को खास बनाएगा। खीर में मौजूद सभी सामग्री जैसे दूध, चीनी और चावल के कारक चन्द्रमा ही है। प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. वंदना जोशी के मुताबिक खीर बनाकर रखने का वैज्ञानिक कारण भी है। दूध में लैक्टिक एसिड होता है। ये चंद्रमा के तेज प्रकाश में दूध में पहले से मौजूद बैक्टिरिया को बढ़ाता है। चांदी के बर्तन में रखने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो