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एक साल से बेटे का इंतजार कर रहे मां-बाप की ‘नरकंकाल’ से अब आखिरी उम्मीद, नाहरगढ़ की पहाड़ियों ने सबकुछ छीन लिया

यह मामला सिर्फ पुलिस फाइल में दर्ज नहीं है, बल्कि एक ऐसे परिवार की पीड़ा है जो हर रात अपने बेटे के लौट आने का सपना देखता है। अब सभी की निगाहें DNA रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे तय होगा कि कंकाल राहुल का है या नहीं।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Sep 06, 2025

Nahargarh missing brothers case

नाहरगढ़ में गायब हुए भाइयों में से एक का कंकाल मिलने की आशंका (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। यह कहानी सिर्फ पुलिस की जांच या किसी केस फाइल की नहीं है, बल्कि दो भाइयों के परिवार की अधूरी दास्तां है। अगस्त 2023 में शास्त्री नगर के रहने वाले राहुल शर्मा (25) और उनके छोटे भाई आशीष शर्मा (22) नाहरगढ़ की पहाड़ियों में घूमने निकले थे। यह उनका आखिरी सफर साबित हुआ।

अगले ही दिन आशीष का शव एक झाड़ी में मिला, लेकिन राहुल का कहीं कोई पता नहीं चला। परिवार टूट गया, लेकिन उम्मीदें जिंदा रहीं। मां-बाप हर रोज यही सोचते रहे कि शायद उनका बड़ा बेटा किसी तरह जिंदा होगा और एक दिन घर लौट आएगा।

राहुल की खोज शहर का सबसे बड़ा तलाशी अभियान

राहुल की तलाश शहर की अब तक की सबसे बड़ी खोज अभियानों में से एक बनी। पुलिस ने हर संभव कोशिश की। पहाड़ियों का हवाई सर्वे, हेलिकॉप्टर की मदद, LIDAR तकनीक से मैपिंग, यहां तक कि निजी कंपनी की माइन रेस्क्यू टीम को भी लगाया गया। 200 से ज्यादा लोग लगातार कई दिनों तक पहाड़ियों को खंगालते रहे। हर चट्टान, हर गहरी खाई, हर झाड़ी देखी गई, लेकिन राहुल का कोई सुराग नहीं मिला।

अफवाहों से भी घुट रहे माता-पिता

बीच-बीच में परिवार को अफवाहें सुनने को मिलीं कि राहुल को किसी ने कहीं देखा है, लेकिन सब झूठ साबित हुआ। समय बीतता गया और परिवार की आंखों से आस की रोशनी धुंधली पड़ती गई।

नाहरगढ़ की पहाड़ियों से बरामद हुआ है नरकंकाल

फिर पिछले महीने यानी अगस्त 2024 में नाहरगढ़ की पहाड़ियों से एक कंकाल बरामद हुआ। पुलिस का मानना है कि यह राहुल का हो सकता है। कंकाल कुछ हिस्सों में जंगली जानवरों द्वारा खाया हुआ था। अब DNA जांच से ही यह तय होगा कि यह अवशेष राहुल के हैं या नहीं।

DNA के बाद पता चलेगी सच्चाई

परिवार की स्थिति बेहद दर्दनाक है। एक ओर बेटे की मौत की पुष्टि होने का डर, तो दूसरी ओर एक साल से पल रही उम्मीदों का सवाल। मां मां सीता देवी का कहना है। 'अगर यह कंकाल राहुल का है, तो कम से कम हमें सच्चाई पता चल जाएगी। लेकिन अगर नहीं है, तो हम अभी भी उसे जिंदा मानेंगे।'

मां-बाप को बेटे के लौटने की उम्मीद

यह मामला सिर्फ पुलिस फाइल में दर्ज नहीं है, बल्कि एक ऐसे परिवार की पीड़ा है जो हर रात अपने बेटे के लौट आने का सपना देखता है। अब सभी की निगाहें DNA रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि नाहरगढ़ की ये पहाड़ियां आखिर किस सच्चाई को छुपाए बैठी थीं।