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Arjun Award: जयपुर की बेटी मोना अग्रवाल को मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड, पेरिस पैरालंपिक में जीता था कांस्य

Mona Agarwal: पत्रिका से बात करते हुए गुलाबीनगर की पैरा शूटर और पेरिस पैरालंपिक की कांस्य विजेता मोना अग्रवाल ने कहा कि अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में मेरा नाम आना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।

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Mona Agarwal bronze medalist of Paris Paralympics
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ललित पी. शर्मा
युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी। चार खिलाड़ी को खेल रत्न और 34 को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा, जिसमें दो को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिलेगा। जयपुर की पैराशूटर मोना अग्रवाल भी अर्जुन अवॉर्ड से होंगी सम्मानित। मोना ने पेरिस पैरालंपिक में कांस्य जीता था।

पत्रिका से बात करते हुए गुलाबीनगर की पैरा शूटर और पेरिस पैरालंपिक की कांस्य विजेता मोना अग्रवाल ने कहा कि अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में मेरा नाम आना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।

पदक जीतने का था विश्वास

उन्होंने कहा कि पेरिस पैरालंपिक से पूर्व मुझे कोई जानता तक नहीं था। जब ओलंपिक कोटा हासिल हुआ उसके बाद मेरी स्थिति बहुत खराब थी। मेरे पास न तो उच्च स्तर के इक्यूपमेंट थे और न ही कोचिंग। परन्तु मन में विश्वास था कि हर हाल में पदक जीतना है।

मेरा सपना सच हो गया

यह बात दिन-रात मेरे जहन में चलती थी। खैर हम पेरिस रवाना हुए तब तक कोई नहीं जानता कि मोना पदक जीत सकेगी और मैंने सबको चकित करते हुए पहले ही बड़े टूर्नामेंट में पदक जीत और अब अर्जुन अवॉर्ड में मेरा चयन होना। इस पुरस्कार का सपना हर खिलाड़ी देखता और अब मेरा सपना सच हो गया।

मल्टीपल ट्रेनिंग की कर रहीं तैयारी

मोना ने बताया कि 2025 में कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं है। ऐसे में मैं पेरिस पैरालंपिक के दौरान जो कमियां मुझ में थीं उन्हें दूर कर रही हूं। मैं मल्टीपल ट्रेनिंग की भी तैयारी कर रही हूं, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेनिंग करना शामिल है।

अच्छे कोच से ट्रेनिंग लेने की इच्छा

इस तरह के अभ्यास से मैं हर परिस्थिति में शूटिंग के लिए तैयार हो जाऊंगी। मोना ने कहा कि अभी काफी प्रिपरेशन की जरूरत है क्योंकि अभी मुझे काफी वित्तीय मदद की जरूरत है। मैं अपने इक्विपमेंट नए सिरे से तैयार करना चाहूंगी। वहीं अच्छे कोच से ट्रेनिंग लेने की मेरी इच्छा है। हाल फिलहाल मैं जयपुर में ही तैयारी कर रही हूं। अगर मौका मिला तो बाहर जाकर ट्रेनिंग करना चाहूंगी।

अगला लक्ष्य एशियन पैरागेम्स में…स्वर्ण और पैरालंपिक कोटा

मोना ने बताया कि मेरा अगला लक्ष्य 2026 एशियन पैरागेम्स हैं। इसके अलावा मैं 2028 पैरालंपिक के लिए कोटा हासिल करना चाहूंगी और इसके लिए कठिन परिश्रम कर रही हूं। शुरुआत में ही कोटा हासिल होने से मुझे तैयारी करने के लिए मौका मिल जाएगा।

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मोना ने कहा कि पेरिस पैरालंपिक से पहले और अब परिस्थितियां बदल गई गई हैं। पेरिस पैरालंपिक से पूर्व मुझे वित्तिय परेशानियों का सामना करना पड़ा था। परन्तु कहते हैं न कि अंत भला तो सब भला। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीता। अब अर्जुन अवार्ड पाने वालों की सूची में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है।

धैर्य और लगन ही सफलता की कुंजी

मोना ने कहा कि मेरा युवाओं से कहना है कि वे धैर्य और लगन के साथ परिश्रम करते रहे, सफलता हर हाल में मिलेगी। जब मैंने शूटिंग शुरू की तो बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा। एक बार तो लगा कि मैं इतना सब करके भी वो हासिल कर पाऊंगी जिसके लिए मेहनत कर रही हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले पैरालंपिक में मैं गोल्ड जीतूंगी।

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