
एसएमएस अस्पताल (फाइल फोटो)
Medical Education Department: प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने एक बड़ा और क्रांतिकारी निर्णय लिया है। अब मरीजों को परामर्श के बाद दोबारा अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होंगे, क्योंकि पैथोलॉजी जांच उसी दिन कर दी जाएगी। इससे न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सभी 29 मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और 81 अस्पतालों के अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परामर्श के दिन ही मरीजों की जांच प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके लिए सैंपल कलेक्शन समय बढ़ाया जाएगा और स्टाफ की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी। इस व्यवस्था से लाखों मरीजों को पुनः अस्पताल आने से राहत मिलेगी और समय की भी बचत होगी।
राजकीय अस्पतालों में अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी रोगी को निजी जांच केंद्रों की ओर न भेजा जाए। यह निर्णय सरकारी संसाधनों के अधिकतम उपयोग और आमजन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की सोच के तहत लिया गया है।
राजस्थान की भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव ने अस्पतालों में ठंडा पानी, कूलर, पंखे, एसी, छाया और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। किसी भी तरह की कोताही की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
दवा वितरण केंद्रों में एक माह और सब स्टोर में तीन माह का स्टॉक रखना अब अनिवार्य कर दिया गया है। ई-औषधि पोर्टल पर स्टॉक की सतत निगरानी की जाएगी और किसी भी कमी की स्थिति में तुरंत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इससे रोगियों को समय पर दवाएं मिलेंगी और वे अनावश्यक परेशानियों से बच सकेंगे।
बिजली और भवन से जुड़ी समस्याओं के तुरंत समाधान के लिए सभी अस्पतालों में पीडब्ल्यूडी द्वारा 24x7 चौकी स्थापित की जाएगी, जिसमें इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, बढ़ई और मिस्त्री तैनात रहेंगे। यह चौकी अस्पताल परिसर में ही होगी जिससे मरम्मत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
कोविड काल की सीख को ध्यान में रखते हुए सचिव ने सभी ऑक्सीजन प्लांट्स को सुचारू रखने के निर्देश दिए हैं। जहां भी तकनीकी खराबी या मेंटीनेंस की कमी है, वहां तत्काल सुधार किया जाएगा। साथ ही ऑक्सीजन रिफिलिंग के भुगतान समय पर सुनिश्चित किए जाएंगे।
अम्बरीष कुमार द्वारा बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने, ई-फाइलों के समयबद्ध निस्तारण और अस्पतालों में सिविल कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने पर भी विशेष बल दिया गया। इससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार केवल घोषणाएं नहीं कर रही, बल्कि धरातल पर बदलाव सुनिश्चित कर रही है।
जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण कर सचिव ने भीड़ प्रबंधन और कतारों से निजात के लिए क्यू मैनेजमेंट प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे अस्पतालों में अनुशासन, सुव्यवस्था और मानवता के साथ सेवा देने की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
Published on:
18 Apr 2025 08:15 pm
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