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पत्रिका नेशनल बुक फेयर: पूर्व मुख्य न्यायाधीश मनीष भंडारी बोले- किताबें नहीं होतीं तो रामायण-महाभारत को नहीं जान पाते

Patrika National Book Fair: राजधानी जयपुर के जेकेके शिल्पग्राम में पत्रिका नेशनल बुक फेयर का शुभारंभ मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मनीष भंडारी ने किया। उन्होंने कहा कि किताबें जीवन के आदर्श सिखाती हैं, पढ़ना-लिखना जरूरी है। क्योंकि लिखा कभी नहीं मरता।

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जयपुर

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Arvind Rao

Nov 16, 2025

Patrika National Book Fair
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Patrika National Book Fair: जयपुर: 'किताबें नहीं होतीं तो हमें पता नहीं चलता कि रामायण और महाभारत क्या हैं? किस पात्र ने क्या भूमिका निभाई और उन आदर्शों को हमें जीवन में कैसे उतारना है?' यह बात मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायाधीश मनीष भंडारी ने कही।

बता दें कि वे जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में शनिवार को पत्रिका नेशनल बुक फेयर के उद्घाटन समारोह में उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने युवाओं से अपील की, कि वे किताबों को जीवन में महत्व दें और लिखना शुरू करें, क्योंकि लिखा हुआ कभी मरता नहीं है।

न्यायाधीश मनीष भंडारी ने कहा कि वकालत के क्षेत्र में किताबों का विशेष महत्व है। क्योंकि बेहतर रिसर्च इन्हीं से संभव है। आज की पीढ़ी लैपटॉप पर शिफ्ट हो गई है और सीधे अपने मतलब की बात खोजकर उसे पढ़ लेती है।

भंडारी ने कहा कि यदि पुस्तक पढ़कर मतलब की बात खोजी जाए तो उससे आपको अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त होता है, जो जीवन में अवश्य काम आता है। पढ़ने के साथ ही लिखना भी जरूरी है। इससे आपकी स्मृतियां शब्दों के रूप में दर्ज होती जाती हैं।

पत्रिका हमेशा निर्भीक और निष्पक्ष

जस्टिस मनीष भंडारी ने कहा कि ’राजस्थान पत्रिका’ सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय मुद्दों को निर्भीकता से उठाता है। चाहे रामगढ़ बांध का मामला हो या शहरों का विकास, पत्रिका ने हमेशा निष्पक्षता से लिखा है। पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचंद्र कुलिशजी का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी किताबें याद के रूप में हमारे साथ हैं।

नौ दिवसीय बुक फेयर का शुभारंभ न्यायाधीश मनीष भंडारी ने फीता काटकर किया। महात्मा ज्योतिराव फुले यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन निर्मल पंवार और पत्रिका के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन भी मौजूद रहे। 23 नवंबर तक चलने वाले इस फेयर में 115 स्टॉल हैं और देशभर से प्रकाशक अपनी पुस्तकों के साथ मौजूद हैं।