
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर पत्रिका टॉक शो:'समय रहते मानसिक रोगों को पहचानना जरूरी, अनावश्यक चिंताओं से खुद को रखें दूर'
जयपुर. 'दुःख-सुख और चिंता हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। लेकिन यदि दुःख की एक घटना को लेकर व्यक्ति थम जाए, चिंता ऐसी हो कि हर समय व्यक्ति उसी में खोया रहे, तो हो सकता है ऐसे व्यक्ति में मानसिक रोग जन्म ले चुके हों।' यह कहना है मनोचिकित्सा केन्द्र के अधीक्षक डॉ. ललित बत्रा का जो मंगलवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ( World Mental Health Day ) पर आयोजित पत्रिका टॉक शो में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का समय रहते इलाज करा लिया जाए तो बहुत सरलता से इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।
आरयूएचएस के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. लोकेन्द्र शर्मा ने कहा कि मानसिक रोगों से दूर रहने के लिए सामाजिक जुड़ाव बहुत जरूरी है। परिवार का कोई सदस्य या मित्र यदि उदास या चिंतित रहने लगे तो हमें चाहिए कि उसकी समस्या को जानने और दूर करने की कोशिश करें। आज में जीयें और अनावश्यक चिंताओं से स्वंय को दूर रखें। टॉक शो का संचालन शैलेन्द्र शर्मा ने किया।
'स्टूडेंट्स को प्लान-बी और सी भी बताएं'
टॉक शो में डॉक्टरों ने स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामलों को गंभीर बताकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कई बार परिवार और कोचिंग इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को केवल एक लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का अनावश्यक दवाब बनाते हैं, कहते हैं हर हालत में परीक्षा पास ही करनी है, ऐसा करना गलत है। यदि कोई स्टूडेंट डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बन सकता तो और भी सैकड़ों काम हैं करने के लिए जिनमें वो स्टूडेंट सफल करियर बना सकता है। हमें चाहिए कि प्लान-ए के अलावा स्टूडेंट को प्लान-बी और सी बताएं।
Published on:
11 Oct 2023 09:04 pm
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