
Rajasthan Politics: राजस्थान के कई शहरों में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है। देश भर से कोटा, सीकर, जोधपुर जैसे शहरों में आए स्टूडेंट्स ड्रग्स माफिया का सॉफ्ट टारगेट बन रहे हैं। ड्रग कैरियर पहले पहले बच्चों की रोजमर्रा के कामों में मदद कर उनका विश्वास जीतते हैं, फिर पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने की ‘गोली’ के बहाने उन्हें ड्रग्स से जोड़ देते हैं। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने स्टिंग ऑपरेश भी किया है।
पीसीसी चीफ गोविंग सिंह डोटासरा ने राजस्थान पत्रिका की दो खबरों को एक्स पर शेयर करते हुए लिखा कि राजस्थान की नस-नस में फैलता नशा नस्लें बर्बाद कर रहा है। नशे की लत से बिखरता हुआ युवा पीढ़ी का भविष्य अत्यंत चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि कोटा, सीकर, जोधपुर जैसे शहरों में विद्यार्थियों को टारगेट करके नशे की गिरफ्त में तबाह किया जा रहा है। जिस प्रकार से कोचिंग संस्थानों के पास खुलेआम ड्रग्स का कारोबार चल रहा है, उससे स्पष्ट है कि प्रदेश की भाजपा सरकार से नशा माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है।
डोटासरा ने आगे कहा कि भाजपा सरकार की मिलीभगत के कारण बॉर्डर इलाकों से ड्रग तस्करी एवं तेजी से पनपता नशा कारोबार प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार को नशा माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करके, नशे के जाल से युवाओं का भविष्य बचाना चाहिए।
गौरतलब है कि नशे के नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए पत्रिका टीम ने सात दिन तक शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में घूमकर नशे के सौदागरों की नब्ज टटोली। शहर में नशे के अड्डों, सौदागरों, बिचौलियों, सप्लायरों और नशा करने वालों के बीच जाकर नशे के कारोबार से जुड़ी जानकारियां जुटाईं। इस दौरान पता चला कि कि ड्रग्स के सौदागर छात्रों को होम डिलेवरी भी कर रहे हैं। बुकिंग सोशल मीडिया पर होती है और बिना नंबर की बाइक से ड्रग्स सप्लाई करते हैं।
Published on:
26 Nov 2024 06:16 pm
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