21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान की 106 खानों पर PMO सख्त, शुरू हुई हाई-लेवल मॉनिटरिंग, चालू होने पर प्रदेश हो सकता है मालामाल

Rajasthan Mines: राजस्थान में बीते 10 सालों के दौरान 111 खानों की नीलामी की गई, जिनमें से अभी तक सिर्फ 5 खान ही शुरू हो पाई हैं। अब इस सुस्ती पर पीएमओ ने सख्ती शुरू कर दी है।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Kamal Mishra

Nov 10, 2025

Rajasthan Mines

प्रतीकात्मक तस्वीर-पत्रिका

जयपुर। राज्य सरकार ने पिछले एक दशक में मेजर मिनरल्स की 111 खानों की नीलामी तो कर दी, लेकिन इनमें से अब तक सिर्फ 5 खान ही संचालित हो पाई हैं। अब इन खानों की प्रगति की सीधी मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय खान मंत्रालय से शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार 17 नवंबर को पीएमओ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा करेगा, जबकि 20 नवंबर को केंद्रीय खान सचिव जयपुर आकर अधिकारियों और आवंटियों से चर्चा करेंगे।

खनन में अड़चनें

खनन कार्य शुरू न हो पाने का सबसे बड़ा कारण पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र (ईसी), चरागाह भूमि स्वीकृति और अन्य विभागीय मंजूरियों में हो रही देरी है। मुख्य खान सचिव सुधांश पंत भी इस विषय पर चर्चा कर चुके हैं, लेकिन अब तक केवल लाइमस्टोन की पांच खान ही शुरू हो सकी हैं। कुछ बड़ी कंपनियां, जिन्होंने नीलामी में नई खानें ली हैं, उनकी पहले से चल रही इकाइयों के कारण नई परियोजनाओं को लेकर सुस्ती का आलम है।

इन खानों से मिलेगा भारी राजस्व

111 खान में सोना, चांदी, पोटाश, बेस मेटल, मैगनीज, आयरन ओर जैसे प्रमुख खनिज शामिल हैं। अगर ये खानें शुरू हो जाएं तो राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को भारी राजस्व प्राप्त हो सकता है। ये खानें 50 वर्ष तक निरंतर संचालित हो सकती हैं। इससे दीर्घकालिक रोजगार और क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।

15 खानों में 2500 बीघा चरागाह भूमि का अड़ंगा

नीलाम की गई खानों में से 15 खानों की सीमाओं में करीब 2500 बीघा चरागाह भूमि आती है। इनके लिए राजस्व विभाग से एनओसी आवश्यक है। कुछ मामलों में यह प्रक्रिया राज्य स्तर पर, जबकि अधिकांश में जिला कलक्टर स्तर पर लंबित हैं।