
आशीष भारद्वाज
आज की कहानी में हम आपको ले चलेंगे 15 साल पीछे..
2003 की बात है, राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई। किसी भी सत्तारूढ़ दल के हारने के पीछे जनता का असंतोष केंद्रीय वजह मानी जाती है लेकिन क्या इतना ही काफी है?
असंतोष के अलावा भी वजहें हो सकती हैं और आज की कहानी में हम इसी पर बात करने वाले हैं।
अपने देश के चुनावों में किस्म-किस्म की धांधली कोई नई बात नहीं है. एक दौर था जब फ़र्ज़ी मतदान आम बात थी, बूथ लुटे जाने की ख़बरें भी लोगों को चौंका नहीं पाती थी। इससे निजात पाने के लिए चुनाव आयोग ने ईवीएम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।
1999 के आम चुनाव और राज्यों में होने वाले चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल पहली बार हुआ. इसके इस्तेमाल से चुनाव की प्रक्रिया आसान हो गई. परिणाम भी जल्दी आने लगे।
लेकिन जैसा आम तौर पर होता है, हर तकनीक अपनी कमी-कमजोरियों के साथ ही आगे बढ़ती है. 2003 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी ये नज़ारा देखने को मिला।
विजय भंडारी अपनी किताब राजस्थान की राजनीति में लिखते हैं कि 2003 के चुनाव ने इस धारणा को धता बता दिया कि ईवीएम से होने वाले चुनाव में गड़बड़ी नहीं हो सकती। इसमें मतदान केंद्र में काम करने वाली पार्टी सबसे ज्यादा गड़बड़ कर सकती है।
इस बात से आपको शायद ही इनकार हो कि अपने राजस्थान की आम जनता भोली-भाली, मासूम है। जब इस चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल हुआ तो जनता के लिहाज़ से ये एकदम नई चीज़ थी. अधिकारियों ने इस बात का काफी फायदा उठाया, ऐसा प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है।
वो आम वोटर को कहते कि फलां बटन दबा दो, वोट हो जाएगा. किसी को कहा गया कि हाथ मत लगाओ, करंट लग जाएगा. कई बूथों पर लोगों के वोट पहले ही डाल दिए गए. जहाँ मतदाता नहीं पहुंचे, वहां बड़ी मात्रा में फ़र्ज़ी मतदान कराया गया, ऐसा एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का मानना था।
अब जब 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, कहीं-कहीं से ईवीएम मशीन की गड़बड़ी से जुडी ख़बरें आ रही हैं. मध्य प्रदेश से तो ऐसी कई ख़बरें आ चुकी है कि ईवीएम शहर के होटलों में मिल रहे हैं और उनकी एक पार्टी विशेष के अधिकारियों से सांठ-गाँठ है। चुनाव आयोग ने जांच भी शुरू कर दी है।
लब्बोलुआब ये है कि जब तक जनता और जागरूक नहीं होगी, चुनाव में गड़बड़ियों की ख़बरें आती रहेंगी. इसीलिए हम आपसे अपील करते हैं कि सचेत होकर वोट करें और ऐसा करने के लिए औरों को भी प्रेरित करें।
Updated on:
03 Dec 2018 04:20 pm
Published on:
03 Dec 2018 03:48 pm
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