वाहन चोरी की वारदातों के बीच पुलिस ने गत वर्ष जिले से चोरी हुए वाहनों में से करीब डेढ़ करोड़ से अधिक कीमत के वाहन बरामद किए हैं।
ये वाहन पुलिस नाकाबंदी व वाहन चोर गिरोहों के चंगुल से दस्तयाब हुए हैं। जिले में गत वर्ष 939 वाहन चोरी हुए थे। इनकी कीमत करीब 3 करोड़ 59 लाख 94 हजार रुपए थी।
वाहन चोरी वारदातों में कमी
जिले में वाहन चोरी की वारदातों में कमी आई है। गत वर्ष 2015 में जिले में 939 वाहन चोरी हुए थे जबकि वर्ष 2014 में इनकी संख्या 1 हजार 365 थी।
वहीं, जिले में वर्ष 2013 में वाहन चोरी की संख्या 861 थी। वाहन चोरी की संख्या में गिरावट का कारण मेवात क्षेत्र में पुलिस की सालभर रही धरपकड़ और चुनाव के दौरान की गई छापेमारी में कई वाहन जब्त किए गए थे।
पुलिस कार्रवाई बढऩे से क्षेत्र में सक्रिय वाहन चोर ठिकाना छोड़कर भाग निकले थे। जिले में वाहन चोरी के गढ़ के रूप में डीग सर्किल का गांव गढ़ी मेवात विख्यात है। इस क्षेत्र में एनसीआर सहित उत्तरप्रदेश, हरियाणा व मध्यप्रदेश से चोरी हुए वाहन यहां पहुंचते हैं।
47 फीसदी वाहन बरामद
जिले में चोरी हुए वाहनों में से पुलिस ने गत वर्ष 2015 में 47.39 फीसदी वाहनों को बरामद करने में कामयाब रही है। जबकि वर्ष 2014 में पुलिस ने 40.40 फीसदी ही वाहन तलाश कर पाई थी। वहीं, वर्ष 2013 में वाहनों की बरामदगी का प्रतिशत 46.93 फीसदी रहा था।
वाहन चोरी मामलों में चालानी प्रतिशत पर गौर करें तो गत वर्ष यह 8.49 फीसदी रहा। जो वर्ष गत वर्षों के मुकाबले सर्वाधिक है। वर्ष 2014 में चालानी प्रतिशत 5.15 और वर्ष 2013 में 6.53 फीसदी रहा था।
2014 में हुए 6.51 करोड़ के वाहन चोरी
जिले में वर्ष 2014 में सर्वाधिक वाहन चोरी हुए थे। उस वर्ष 1 हजार 365 वाहन चोरी हुए जिनकी कीमत करीब 6 करोड़ 51 लाख 27 हजार रुपए थी। इसमें से पुलिस ने करीब 2 करोड़ 63 लाख 15 हजार रुपए कीमत के वाहन बरामद किए थे। वहीं, वर्ष 2013 में 2 करोड़ 89 लाख 35 हजार कीमत के वाहन चोरी गए जिसमें से एक करोड़ 35 लाख 80 हजार कीमत के वाहन बरामद हो पाए।
राहुल प्रकाश एसपी भरतपुर ने बताया कि नाकाबंदी व वाहन चोर गिरोहों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से चोरी के मामलों में कमी आई है। वाहन बरामदी मुश्किल होती है लेकिन इसमें सुधार हुआ है।