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Pravasi Rajasthani Divas 2025: ‘दुनिया देख चुके प्रवासी, राजस्थान को दे सकते हैं नई दिशा’

अफ्रीका के घाना में बसी कनिका सुनीता राजपुरोहित का कहना है कि राजस्थान की विकास यात्रा में प्रवासियों की भूमिका केवल आर्थिक योगदान तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका वैश्विक अनुभव, नई सोच और कार्यशैली राज्य की नीतियों और भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण है।

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Kanika Sunita Rajpurohit

फोटो पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। अफ्रीका के घाना में बसी कनिका सुनीता राजपुरोहित का कहना है कि राजस्थान की विकास यात्रा में प्रवासियों की भूमिका केवल आर्थिक योगदान तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका वैश्विक अनुभव, नई सोच और कार्यशैली राज्य की नीतियों और भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण है।

राजस्थान अब 'पॉसिबिलिटी स्टेट' बन चुका है और यदि प्रवासियों के अनुभव, तकनीकी समझ और वैश्विक मॉडल को राज्य की योजनाओं से जोड़ा जाए तो विकास की गति कई गुना बढ़ सकती है। कनिका सुनीता राजस्थान एसोसिएशन घाना की अध्यक्ष भी हैं।

सवाल- प्रवासी राजस्थानी दिवस को किस नजरिए से देखती हैं?

जवाब- यह सम्मेलन प्रवासियों को सिर्फ श्रोता नहीं, बल्कि सह-निर्माता बनाए। प्रवासियों का अनुभव और सोच राजस्थान की नीतियों और विकास योजनाओं का हिस्सा बने। दुनिया के अलग-अलग देशों से आने वाले राजस्थानियों को जोड़कर हम नए विचार और संभावनाएं विकसित कर सकते हैं।

सवाल- क्या यह पहल नेटवर्क और निवेश को नई दिशा दे सकती है?

जवाब- प्रवासी राजस्थान दिवस ने शुरुआत कर दी है। विदेश में रहते हुए हम कई मॉडल देखते और सीखते हैं। अगर इन अनुभवों को राजस्थान की नीतियों से जोड़ा जाए, तो विकास की गति कई गुना बढ़ सकती है।

सवाल- राजस्थान में आप किस क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं देखती हैं?

जवाब- राजस्थान अब सिर्फ सांस्कृतिक विरासत ही नहीं, बल्कि 'पॉसिबिलिटी स्टेट' बन चुका है। यहां इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, स्टार्टअप, पर्यटन, संस्कृति, रियल एस्टेट सहित अन्य सेक्टर में भी बड़ी संभावनाएं हैं। प्रवासियों से कनेक्ट के लिए उन्हें समय-समय पर अपडेट जानकारी मिलनी चाहिए। कई सरकारी वेबसाइट्स विदेश नेटवर्क पर नहीं खुलती या जानकारी अधूरी रहती है।

सवाल- क्या आप राजस्थान में कोई प्रोजेक्ट करना चाहती हैं?

जवाब- मेरा फोकस ऐसे प्रोजेक्ट्स पर है जो सीधे लोगों की जिंदगी में बदलाव लाए। इनमें महिलाओं और युवाओं के लिए कौशल विकास, राजस्थानी कलाकारों को वैश्विक मंच दिलाना, हस्तशिल्प, प्रिंट्स, पेंटिंग, लाख व खाद्य उत्पादों को विदेशी बाजारों में पहुंचाना। मेरा प्रयास रहेगा कि राजस्थान का नाम वैश्विक बाजारों में मजबूत हो।

सवाल- सरकार को आपके क्या सुझाव हैं, जो जरूरी है?

जवाब- प्रवासी केवल पूंजी नहीं, बल्कि नई सोच, तकनीक और वैश्विक अनुभव भी साथ लाते हैं। एक समर्पित सेल होने से इन क्षमताओं का बेहतर उपयोग हो सकता है। प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और त्वरित संवाद बहुत जरूरी है। एक समर्पित प्रवासी सहायता प्रकोष्ठ और नियमित संवाद मंच का गठन करें।

सवाल- वैश्विक राजस्थानी नेटवर्क में आपकी भूमिका क्या है?

जवाब- मैं अपनी भूमिका एक कनेक्टर और फेसिलिटेटर के रूप में देखती हूं। सिंगापुर, इंडोनेशिया, दुबई सहित कई देशों में रह चुकी हूं, इसलिए राजस्थानियों को वैश्विक स्तर पर जोड़ने का काम आगे भी करती रहूंगी। मेरा विजन है कि आने वाले वर्षों में राजस्थान और घाना, अफ्रीका, ग्लोबल मार्केट्स के बीच व्यापार, संस्कृति और शिक्षा के मजबूत पुल बनें।

सवाल- विकास मॉडल में कौन-सा बड़ा परिवर्तन जरूरी है?

जवाब- हमें इनोवेशन और एग्जीक्यूशन आधारित विकास मॉडल अपनाना होगा। नई सोच के साथ उसका सही रूप से क्रियान्वयन ही भविष्य बनाएगा।

सवाल- राजस्थान को वैश्विक निवेश हब बनाने का सबसे बड़ा कदम क्या है?

जवाब- राजस्थान को अपनी ताकतों की स्पष्ट सेक्टर-वाइज पहचान बनानी होगी। जब राज्य अपनी असली क्षमता दुनिया के सामने रखेगा, तो निवेश स्वतः आकर्षित होगा।

सवाल- प्रवासी राजस्थानियों के लिए आपका संदेश।

जवाब- अपनेपन को कभी मत छोड़िए और अपनी क्षमता को कम मत आंकिए। 'कुण हा आपा ध्यान राखणो, मायड़ भाषा रो मान राखणो। रेवा कठे ही मुलक में, पर दिल में राजस्थान राखणो।' जहां भी रहें, अपनी जड़ों से जुड़े रहें।

सवाल- क्या साल में एक बार मिलना पर्याप्त है?

जवाब- मिलते रहने से संबंध बनते हैं। इस पहल को नियमित संवाद, ऑनलाइन मीटिंग और चर्चा से जोड़ा जाए, तो इसका प्रभाव काफी बढ़ सकता है।