राज्य की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध पर मानसून सत्र को लेकर रखरखाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। आगामी 15 जून से मानसून सत्र शुरू होने के चलते इन दिनों बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से बांध पर रखरखाव को लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है।
राज्य की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध पर मानसून सत्र को लेकर रखरखाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। आगामी 15 जून से मानसून सत्र शुरू होने के चलते इन दिनों बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से बांध पर रखरखाव को लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है।
इसमें प्रत्येक गेट पर स्टॉप लॉक गेट लगाकर उनको खोलने व बंद करने की प्रक्रिया अपनाकर टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ बांध के गेटों व लोहे की रस्सियों पर आयल ग्रिसिंग का कार्य, खराब उपकरणों को बदलने, खराब विद्युत केबल चेंज करना, जनरेटर की मरम्मत का कार्य, गेट खोलने व बंद करने के काम लिये जाने वाली मोटर सेट की मरम्मत का कार्य, विद्युत व्यवस्था की मरम्मत आदि का कार्य लगातार जारी है। इसी प्रकार बांध के कनिष्ठ अभियंता कमलेश कुमार मीणा ने बताया कि बांध का गेज शनिवार सुबह 6 बजे 312.99 आर एल मीटर दर्ज किया गया है। इसमें 22.397 टीएमसी का जलभराव रह गया है।
तीन कन्ट्रोल रूम बनेंगे: कंट्रोल रूम स्थापित करने की तैयारी मानसून सत्र के दौरान बीसलपुर बांध में केचमेंट एरिया से पानी की आवक के साथ ही जलभराव क्षेत्र में बाढ़ आपदा आदि को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बारिश के दौरान पानी की आवक की जानकारी के लिए तीन कंट्रोल रूम स्थापित किए जाते हैं। जिसमें बीसलपुर बांध स्थल बीसलपुर परियोजना के देवली कार्यालय, भीलवाड़ा जिले के बीगोद स्थित त्रिवेणी पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे
बेमौसम बारिश का नहीं पड़ा फर्क परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अचानक मौसम में हुए बदलाव के कारण आये दिन हो रही बारिश से बीसलपुर बांध के गेज पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। बीसलपुर बांध के जलभराव से जयपुर, अजमेर सहित टोंक जिले व सैकड़ों गांव कस्बों में हो रही जलापूर्ति व वाष्पीकरण के बाद बांध से रोजाना एक सेंटीमीटर पानी की कमी दर्ज की जा रही थी जो अभी भी जस की तस स्थिति बनी हुई है।
24 घंटे कार्मिकों की रहेगी ड्यूटी जहां से पानी की आवक को लेकर पल-पल की नजर बनाए रखने के लिए 24 घंटे कार्मिक की ड्यूटी तैनात की जायेगी। जो वायरलेस सेट की ओर से प्रत्येक सूचना बांध परियोजना के अधिकारियों के साथ ही तीनों कंट्रोल रूम पर दी जाएगी। जिससे पानी की आवक को मधयनजर रखते हुए। आगे की तैयारी में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नही हो सके।