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भारतीय संविधान जीवंत, जनमानस की बदलती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम : द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों में संवैधानिक नैतिकता की भावना जाग्रत करने के लिए कार्य किए जाने पर बल दिया है। राष्ट्रपति ने राजभवन में संविधान उद्यान के निर्माण की सराहना करते हुए कहा कि इससे संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

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जयपुर

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Rahul Singh

Jan 03, 2023

भारतीय संविधान जीवंत, जनमानस की बदलती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम : द्रौपदी मुर्मू

भारतीय संविधान जीवंत, जनमानस की बदलती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम : द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों में संवैधानिक नैतिकता की भावना जाग्रत करने के लिए कार्य किए जाने पर बल दिया है। राष्ट्रपति ने राजभवन में संविधान उद्यान के निर्माण की सराहना करते हुए कहा कि इससे संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने संविधान को जीवंत दस्तावेज बताते हुए कहा कि यह समय के साथ बदलती जनमानस की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है।

राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को राजभवन में संविधान उद्यान के लोकार्पण अवसर पर सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है और हमारा संविधान इसका आधार है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के सिद्वांतों पर संविधान का निर्माण किया।

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राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परम्परा बहुत प्राचीन है। बोधि संघ में भी संसदीय प्रक्रियाओं को निभाने का पालन किया जाता था।राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि संविधान को मानने वाले लोग खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान खराब सिद्ध होगा। दूसरी तरफ अगर संविधान को मानने वाले लोग अच्छे हुए तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में पंचायत से संसद तक महिलाएं अपनी उपस्थिति निरंतर बढ़ा कर राष्ट्र और समाज की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा में 82 और राज्यसभा में 33 महिला सदस्य हैं। यह पहली बार है जब संसद में 100 से अधिक महिला सांसद प्रनिधित्व कर रही हैं । राष्ट्रपति ने इस अवसर पर संविधान निर्माण से जुड़ी विभूतियों और स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया। उन्होंने संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान को भी याद किया ।

संविधान निर्माण की यात्रा और भारतीय संस्कृति का कला रूप

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि हमारा संविधान भारतीय संस्कृति का जीवंत दर्शन है। संविधान के लेखन, इसे निर्मित करने के लिए बनाई गयी संविधान सभा, संविधान सभा की बैठकों, संविधान निर्माण में संलग्न रहे महापुरूषों की इसमें भूमिका और इसे लागू किए जाने की यात्रा बहुत अर्थपूर्ण है। संविधान उद्यान में इस यात्रा को विभिन्न मूर्तिशिल्पों, छाया-छवियों, मॉडल्स और अन्य कलात्मक माध्यमों के जरिए जीवंत करने का प्रयास किया गया है।राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में आने वाले हमारे संविधान और उससे जुड़ी संस्कृति के बारे में जान सकें, इस उद्देश्य से यहां संविधान उद्यान का निर्माण किया गया है।

संविधान की मूल भावना का प्रसार करेगा संविधान उद्यान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के निर्माण के साथ ही देश में महिलाओं सहित सभी नागरिकों को बराबरी के अधिकार दिए गए, यह भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और संविधान सभा के सदस्यों की पवित्र सोच को दर्शाता है।

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शिला पट्टिका का अनावरण कर संविधान उद्यान का लोकार्पण किया। इसके उपरान्त उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी एवं नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल के साथ संविधान उद्यान का भ्रमण किया। उन्होंने विभिन्न मूर्तियों, छायाचित्रों, मॉडल आदि में संजोई गई भारतीय संविधान के निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का अवलोकन किया। उन्होंने राजभवन में स्थापित फ्लैग पोस्ट, मयूर स्तम्भ, गांधी प्रतिमा एवं महाराणा प्रताप प्रतिमा की सराहना की। उन्होंने संविधान उद्यान के कलात्मक एवं विशद प्रस्तुतीकरण और वृहद शिल्प को महत्वपूर्ण बताते कहा कि इससे यहां आने वाले लोग संविधान की संस्कृति से जुड़ेंगे।