
Prof. Chetan Singh Solanki Environmental Awareness Campaign : पर्यावरण जागरूकता का बीड़ा उठाया और निकल पड़े घर से, सोलर की बस को ही अपना घर बना लिया है। जहां भी जाते पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक करते हैं। आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने 11 साल तक घर से बाहर रहकर लोगों को जागरूक करने की ठानी है। उन्हें सोलर मैन ऑफ इंडिया और सोलर गांधी के रूप में पहचाने जाने लगा है।
हाल ही प्रो. चेतन जयपुर आए और अभियान के तहत शहर में कई कार्यक्रम किए। इस मौके पर पत्रिका ने उनसे खास बातचीत की। प्रो. चेेतन ने अपनी यात्रा और अभियान को लेकर अनुभव साझा किए। चेतन ने बताया कि उन्होंने 11 साल तक अपने घर न जाने का संकल्प लिया है और पर्यावरण बचाने की खातिर वह 11 साल देशभर की यात्रा पर है। सोलंकी ने कहा धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है और पर्यावरण पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। इसको लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
चेतन ने बताया कि वह पर्यावरण जागरूकता के उद्देश्य से यात्रा कर जयपुर पहुंचे और वह शहर में आठ दिन रुके। उन्होंने कई निजी कॉलेज, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर सहित शहर के अन्य जगहों पर क्लाइमेट करेक्शन को लेकर इवेंट करवाए। सारे इवेंट के जयपुर के लगभग 2 हजार लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया। इवेंट के दौरान लोगों को यही समझाया गया कि किस तरह से सोलर एनर्जी और वेस्ट का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे।
सोलंकी ने कहा लोगों को उन्होंने क्लाइमेट क्लॉक की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि यह क्लॉक उल्टा समय दिखाती है। इस क्लॉक में काउंटडाउन चलता रहता है। यह क्लॉक बताती है कि कितने समय बाद पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री बढ़ेगा। अभी यह क्लॉक पांच साल 90 दिन का समय बता रही है। लगभग पांच साल बाद 1.5 डिग्री पारा बढ़ेगा, जिसमें से 1.2 डिग्री तक बढ़ चुका है। अभी भी 5 वर्ष बाकी है, 3 डिग्री पारा कम करने के लिए। इसलिए लोगों में जागरूकता लानी होगी। चेतन ने कहा अगर अब एक्शन लिया जाए तो क्लॉक का समय रिवर्स किया जा सकता है। यह क्लॉक हमारी 30 सदस्यों की टीम ने बनाई है।
इस अभियान की शुरुआत जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता लाने के लिए की। सोलंकी ने बताया कि आईआईटी में पढ़ाने के दौरान पिछले काफी समय से खबरें आ रही थी कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है। पर्यावरण संकट में है। इसलिए सोचा मैं ही पहल करूं। जलवायु परिवर्तन ही सबसे बड़ा कारण है कार्बन ऊर्जा का प्रयोग करना। कार्बन ऊर्जा में एलपीजी पेट्रोल सब शामिल है। इसका जिम्मेदार दुनिया का हर एक नागरिक है। चेतन ने बताया वह यात्रा का दौरा लगभग देश के सारे राज्यों में हो चुका हैं । यात्रा के अभी साढ़े तीन साल हो चुके हैं। इसे शुरू करने के लिए पत्नी और मेरी बेटियों ने हमेशा सहयोग किया।
डॉ. सोलंकी की ‘एनर्जी सर्व सुविधा युक्त बस ही उनका घर है। 35 लाख में मध्य प्रदेश में तैयार हुई बस में अधिकांश चीजें सोलर से चल रही हैं। बस में लाइट, किचन, लाइब्रेरी, बाथरूम, मंदिर, गार्डन, बेड, ऑफिस की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, बस में ही प्रोफेसर की 5 सदस्यीय टीम भी काम करती है। जो आगे का प्लान तैयार करती है। इसके अलावा, 30 लोगों की टीम अलग है, जो देश में अलग-अलग शहरों में रह कर काम कर रही है।
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Published on:
25 Apr 2024 10:25 am
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