
राजधानी का हर साल विस्तार हो रहा है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लगातार कमी देखने को मिल रही है। आने वाले साल 2025 में शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को और बड़ा झटका लगने वाला है।
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज (जेसीटीएसएल) की 100 बसें अगले साल कंडम हो जाएंगी। इस कारण जेसीटीएसएल के पास केवल 100 बसें ही रह जाएंगी। इसका मतलब है कि 50 लाख की आबादी वाले शहर में महज सौ बसें ही संचालित होंगी। इससे शहर में संचालित होने वाले जेसीटीएसएल के रूटों पर गंभीर असर पड़ेगा। जहां अभी एक रूट पर औसतन आधे से एक घंटे में बसें मिल रही हैं, वहीं 100 बसों के बाद यह समय बढ़कर 2 से 3 घंटे हो सकता है। फिलहाल, जेसीटीएसएल की ओर से 200 बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 100 बड़ी और 100 मिडी बसें शामिल हैं। इसके अलावा, 40 सीटर बसें अब सौ यात्रियों को क्षमता से अधिक भरकर दौड़ रही हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। गौरतलब है कि पांच साल पहले जेसीटीएसएल की ओर से शहर में 400 बसों का संचालन किया जाता था। शहर में 35 रूटों पर इन बसों का संचालन होता था, जो अब घटकर 25 रह गए हैं। देखा जाए तो जयपुर को आबादी के हिसाब से 1500 लो-लोर बसें चाहिए।
शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को मजबूत करने के लिए सरकार ने सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की घोषणा की थी। हाल ही हुई बोर्ड बैठक में जेसीटीएसएल में 300 सीएनजी बसों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, इन बसों की आपूर्ति प्रक्रिया धीमी चल रही है और अगले साल तक इनका आना संभव नहीं है।
2011 में 280 बसें खरीदी गईं, जो 2020 में कंडम हो गईं।
2013 में 120 बसें खरीदी गईं, जो मार्च 2023 में कंडम हो गईं।
2016 और 2020 में कुल 200 बसें नई खरीदी गईं, जो अब भी संचालित हैं।
300 इलेक्ट्रिक बसें आने वाली हैं, जो अभी तक नहीं आईं।
वर्तमान में 200 बसें संचालित हैं।
प्रतिदिन 1.50 लाख यात्री सफर करते हैं।
जयपुर की आबादी के हिसाब से 1500 बसें होनी चाहिए।
Published on:
06 Nov 2024 01:41 pm
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