
हरियाणा में बनते राजस्थान नंबर वाहनों के फर्जी पीयूसी सर्टिफिकेट
राजस्थान में वाहनों की प्रदूषण जांच में हरियाणा से बनकर आ रहे पीयूसी सर्टिफिकेट को लेकर बीते दिनों हुए बड़े खुलासों के बावजूद बिना जांच सर्टिफिकेट धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में वाहनों की प्रदूषण जांच को लेकर अपनाए मैकनिज्म की बजाय अब फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वालों ने बाकायदा कॉल सेंटर की तरह सेटअप बनाकर महज 10 रुपए में प्रति सर्टिफिकेट बांटने का धंधा शुरू कर दिया है।
जानकारों की मानें तो राजस्थान में हल्के चौपहिया वाहन की प्रदूषण जांच का शुल्क 50 रुपए और भारी वाहनों की जांच का शुल्क 70 से 100 रुपए तक है। प्रदूषण जांच केंद्र पर बाकायदा वाहन को ले जाने पर ही टेस्टिंग का प्रावधान है। जबकि इसके ठीक उलट हरियाणा से बनकर आ रहे सर्टिफिकेट बिना वाहन मौजूद होने पर ही जारी हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो महज वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र भेजते ही कुछ मिनटों में ही सर्टिफिकेट वाहन मालिक के हाथ में थमाया जा रहा है।
राजस्थान पत्रिका ने बीते दिनों वाहनों की प्रदूषण जांच में चल रहे घालमेल का विस्तार से खबरें प्रकाशित कर खुलासा किया था। खबरों में हरियाणा से बनाए जा रहे प्रदूषण प्रमाण पत्रों का सिलसिलेवार खुलासा किया गया। खबरें प्रकाशित होने पर प्रदेश का परिवहन विभाग हरकत में आया और वाहन की जीपीएस लोकेशन की जांच कर कार्रवाई शुरू की गई।
हरियाणा में बनाए जा रहे फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सीधे तौर पर राजस्थान के एजेंटों के जरिए ही बनवाए जा रहे हैं। पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने वाले कुछ अधिकृत लोगों की मानें तो हरियाणा से सटे प्रदेश के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले में फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाले एजेंटों की भरमार है। हनुमानगढ़ जिले के सीमावर्ती इलाकों में एजेंटों की ओर से बाकायदा कॉल सेंटर की तर्ज पर सेटअप तैयार कर धड़ल्ले से फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने की भी जानकारी सामने आई है। एजेंट कम शुल्क में रोजाना धड़ल्ले से सैंकड़ों की संख्या में फर्जी पीयूसी सर्टिफिकेट बना रहे हैं।
Updated on:
29 Sept 2025 03:47 pm
Published on:
29 Sept 2025 03:36 pm
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