
Rahul Gandhi
Rajasthan Congress: गुजरात में पार्टी संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके राहुल गांधी अब राजस्थान में कांग्रेस के पुनर्गठन की रणनीति पर काम करने जा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, 28 अप्रैल को राहुल गांधी जयपुर पहुंच सकते हैं, जहां वे जिला कांग्रेस अध्यक्षों और जिला स्तरीय पदाधिकारियों से सीधी बातचीत करेंगे।
इस बैठक को 'मास्टर प्लान राजस्थान' का हिस्सा माना जा रहा है, जिसकी नींव राहुल ने हाल ही में गुजरात के दौरे से रखी थी। गुजरात की तर्ज पर अब राजस्थान में भी जमीनी नेताओं को सशक्त करने और बूथ लेवल पर संगठन की ताकत बढ़ाने की तैयारी है।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की 28 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक में हर जिले से चुने हुए अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। बैठक में न सिर्फ संगठनात्मक कमजोरियों पर चर्चा होगी, बल्कि जिला स्तर पर नेताओं को अपनी बात कहने और सुझाव देने का मौका भी मिलेगा।
जिला अध्यक्ष बनेंगे संगठन की रीढ़- राहुल गांधी का मानना है कि पार्टी का असली चेहरा और ताकत जिले और बूथ स्तर पर मौजूद कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा था कि हम जिला कांग्रेस कमेटी और उनके अध्यक्षों को पार्टी की नींव बनाना चाहते हैं।
सीधी संवाद रणनीति- दिल्ली में हुई देशभर के जिला अध्यक्षों की बैठक के बाद अब राहुल गांधी खुद राज्यवार दौरे पर निकल चुके हैं। गुजरात से शुरुआत के बाद अब राजस्थान अगला पड़ाव है।
बूथ स्तर की मजबूती पर जोर- राहुल गांधी का लक्ष्य है कि हर जिले और हर बूथ तक पार्टी की उपस्थिति और पकड़ को मजबूत किया जाए, ताकि आगामी चुनावों में कार्यकर्ता मतदाताओं तक सीधा संपर्क बना सकें।
'घर के भीतर के दुश्मनों' की सफाई- गुजरात में दिए अपने एक बयान में राहुल गांधी ने इशारों में कहा था कि कांग्रेस से उन लोगों को बाहर करना ज़रूरी है, जो भाजपा से मिले हुए हैं। यह संदेश राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में भी कार्यकर्ताओं के भीतर जवाबदेही की उम्मीद जगा रहा है।
हाल ही में गुजरात के एक ज़िले में आयोजित सम्मेलन में राहुल गांधी ने ज़िले के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया था और उन्हें पार्टी का असली आधार बताया था। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस ही भाजपा और आरएसएस को हराने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन इसके लिए पार्टी को जड़ों से मजबूत करना होगा।
आपको बता दें, राजस्थान हमेशा से कांग्रेस का महत्वपूर्ण प्रदेश रहा है, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की सत्ता से विदाई के बाद कार्यकर्ताओं में हताशा देखी जा रही है। अब राहुल गांधी की यह पहल संगठन को फिर से संगठित और ऊर्जा से भरने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
Updated on:
17 Apr 2025 09:04 pm
Published on:
17 Apr 2025 06:25 pm
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