Railway: नौकरी का तनाव, पारिवारिक उलझन या मानसिक थकान-अब उत्तर पश्चिम रेलवे के कर्मचारी और उनके परिजन इन समस्याओं से अकेले नहीं जूझेंगे। देश में पहली बार, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन ने अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारजन की मानसिक सेहत का जिम्मा खुद उठाया है। इसके लिए जोन स्तर पर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर्स की नियुक्ति की गई है।
इन विशेषज्ञों की मदद से रेलकर्मी तनाव, अवसाद, चिंता, पारिवारिक कलह, या रिटायरमेंट की मानसिक उलझनों से उबर सकेंगे। विशेष बात यह है कि सुविधा जयपुर मुख्यालय के साथ अजमेर वर्कशॉप और चारों मंडलों जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर में उपलब्ध होगी।
यह पहल केवल वयस्क रेल कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। काउंसलर्स बच्चों व किशोरों की भी काउंसलिंग करेंगे। इनमें पढ़ाई में मन न लगना, आत्मविश्वास की कमी, एकाग्रता की समस्या जैसी चुनौतियों का समाधान शामिल है।
मेंटल हेल्थ को लेकर रेलवे की चुप्पी टूटेगी: रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते देखा जा रहा था लेकिन कोई खुलकर नहीं कहता था। अब यह पहल ‘आप अकेले नहीं हैं’ जैसे संदेश के साथ चुप्पी तोड़ेगी और एक सहयोगी वातावरण निर्मित करेगी।
मानसिक रोगों (डिप्रेशन, एंग्जायटी, बिहेवियरल डिसऑर्डर) का प्रबंधन
वैवाहिक/पारिवारिक विवादों की काउंसलिंग
क्रोध नियंत्रण, नशा मुक्ति, मोबाइल/इंटरनेट लत से निपटना
व्यक्तिगत काउंसलिंग, आइक्यू टेस्ट, मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और थैरेपी सत्र
रेलवे मुख्यालय, जयपुर सोमवार, शुक्रवार सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे
रेल मंडल कार्यालय, जयपुर मंगलवार से शुक्रवार सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे
पॉलीक्लिनिक, रेल निकुंज, जगतपुरा गुरुवार, शनिवार सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे
केंद्रीय अस्पताल, जयपुर सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शनिवार सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे
Published on:
13 Jun 2025 09:40 am