
श्रावण मास और आगमी दिनों में मानसून की बारिश के आंकलन के लिए आषाढ़ी पूर्णिमा पर बुधवार को शाम को जंतर-मंतर स्थित वेधशाला पर सम्राट यंत्र पर ज्योतिषी और दैवज्ञों की मौजूगदी में हवा का रुख देखकर बारिश की भविष्यवाणी की गई। अधीक्षक मोहम्मद आरिफ ने बताया कि सूर्यास्त काल में ध्वज पूजन के साथ शुरुआत हुई। इस मौके पर पंचागकर्ता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक हवा का रुख उत्तर दिशा की ओर होने से पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। यहां 105 फीट ऊंचें सम्राट यंत्र के शिखर पर जाने के बाद पताका फहराकर हवा की दिशा का पता लगाया गया।
पूर्व की ओर रहा हवाओं का रुख
अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान की ओर से शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क में हुए वायु परीक्षण में शहर के वरिष्ठ ज्योतिषियों और पंचागकर्ताओं ने ध्वजा परीक्षण कर बारिश की भविष्यवाणी की। श्रावण मास के साथ ही चौमासे में भरपूर श्रेष्ठ वर्षा होने से अनाज की पैदावार भी बेहतर होगी और अन्न सस्ता होगा। ज्योतिषियों ने हवाओं का रुख उत्तर दिशा की ओर चलने से भविष्यवाणी की।
संयोजक डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि शाम 7.20 पर वायुवेग के आधार पर श्रावण से कार्तिक तक चातुर्मास में होने वाली वर्षा का ज्योतिषीय आंकलन किया गया। आषाढ़ी पूर्णिमा (वायुधारिणी पूर्णिमा) को श्रावणमास की वर्षा के पूवार्नुमान हेतु सर्वश्रेष्ठ माना गया।
पंचागकर्ता पं. चन्द्रशेखर शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। वायुपरीक्षण में देशभर से 300 से अधिक ज्योतिष ऑनलाइन शामिल हुए। कार्यक्रम में डॉ. नरोत्तम पुजारी, ज्योति पुजारी, सौरभ-सीमा अग्रवाल, विनोद नाटाणी, सत्यनारायण शर्मा, सांवरमल दाधीच, मनोज श्रीमाल, धर्मेंद्र खंडेलवाल, मनोज शर्मा, अंजू शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
बुध के उदय से अगस्त मास में श्रेष्ठ वर्षा
आयोजन सचिव डॉ. अनिल स्वामी के अनुसार इस वर्ष पूर्वी भाग में धान्य कमजोर तथा उत्तर-दक्षिण में वर्षा अधिक होगी। बुध-शुक्र का जलाश्रय राशि में योग समयानुकूल वर्षा करवाएगा।
रोहिणी का निवास समुद्र पर और समय का वास माली के घर होने से श्रेष्ठ वर्षा से धान्यादि के भाव में स्थिरता एवं फल, सब्जी, धान्यादि के उत्पादन की वृद्धि होगी। राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि में आंधी, तूफान के साथ श्रेष्ठ वर्षा होगी। बुध के उदय से अगस्त मास में राजस्थान सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेष, उत्तराखण्ड में श्रेष्ठ वर्षा होगी। अगस्त के दिन शुक्र का सिंह में गोचर वर्षा में अस्थायी कमी करेगा। सितम्बर मध्य में बुध का अस्तोदय तथा अक्टूबर में शुक्र का अस्त होना सभी स्थानों पर वर्षा, तूफान या ओलावृष्टि करेगा।
Published on:
14 Jul 2022 09:21 am
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