
कृष्ण चंद्र (1925-2020) फोटो: पत्रिका
Freedom Fighter Krishna Chandra: 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में कृष्ण चंद्र ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। वे उग्र स्वभाव के थे। आंदोलन के दौरान मार्च निकल रहा था, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े अनुभव स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र ने अपने बेटे नवीन कुमार गुप्ता के साथ साझा किए थे। नवीन कुमार गुप्ता ने पिता के अनुभवों को बताते हुए कहा, उनके पिता कृष्ण चंद्र का जन्म 1925 में दिल्ली में हुआ, उन्होंने अपनी शिक्षा हरिद्वार से की। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।
तब उनकी उम्र 17 साल ही थी, इसके बाद उन्हें 6 माह तक लाहोर की बाल जेल में रखा गया। जेल में स्वतंत्रता सेनानियों से निर्माण कार्यों में मजदूरी करवाई जाती थी। कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को सफाई के काम में लगा दिया जाता था। सजा पूरी होने के बाद समाज के दबाव में कृष्ण चंद्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए फिर से हरिद्वार चले गए। शिक्षा पूरी होते ही वर्ष 1952 में उनका विवाह उषा गुप्ता के साथ हुआ।
नवीन ने बताया कि मां उषा गुप्ता भी गांधीवादी परिवार से जुड़ी थी, नानाजी जमुनाप्रसाद मथुरिया साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के साथ जुड़े थे। बाद में वर्धा शिफ्ट हुए। मां उषा भी साथ रही। देश आजाद होते ही जमुना प्रसाद ने कहा था कि ’हमारा काम पूरा हो गया’ और वे जयपुर आ गए।
आजादी से पहले लोग राह चलते ही आंदोलन में शामिल हो जाते थे और उन्हें जेल में डाल दिया जाता था।
– नवीन गुप्ता (पुत्र)
Updated on:
05 Aug 2025 04:31 pm
Published on:
05 Aug 2025 02:11 pm
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