
जयपुर। हमने हमेशा से ही भगवान शिव को भस्म रमाए, मृग खाल में ही देखा है। लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है, जहां भगवान भोलेनाथ को वैभव के हिंडोले में झुलाते हुए स्वर्णा-आभूषणों से श्रृंगारित स्वरुप में है और उन्हें राज-राजेश्वर की उपाधि देकर पूजा-अर्चना होती है।
Govardhan 2017
भगवान शिव का ये अद्भुत मंदिर है जयपुर में है। जयपुर राजवंश के शिवभक्त महाराजा रामसिंह ने अपने अराध्य को राजराजेश्वर बना कर वैभव के हिंडोले में झुला झुलाया। गोर्वधन पर खुलने वाले सिटी पैलेस स्थित राजराजेश्वर मंदिर में शिव परिवार के ऐसे वैभवशाली स्वरूप के दर्शन करने को भक्तों के नेत्र तरस जाते हैं। स्वर्ण-रत्नों से लकदक देवाधिदेव और माता पार्वती के दर्शन कर भक्त धन्य हो जाते हैं। शिव पार्वतीजी सोने पर मोती आदि रत्नों के जडाव वाले आभूषण धारण कर अपना राजराजेश्वर नाम सार्थक करते दिखाई देते हैं।
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महाराजा रामसिंह के आराध्य देव शिव के राजराजेश्वर के नामकरण को लेकर भी अनेक मत हैं। सृष्टि में परिपूर्ण मानी जाने वाली तन्त्र शास्त्र की महत्वपूर्ण देवी राजराजेश्वरी के नाम पर इन्हें राजराजेश्वर कहा जाने लगा। यह भी कहा जाता है कि राजा के ईश्वर होने के कारण ये राजराजेश्वर कहलाए। गर्भगृह के सामने दीवार में प्रतिष्ठित पार्वती जी का तीन फुटा विग्रह भी निराला है।
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मां पार्वती का दुर्गा स्वरूप भले ही दशभुजी हो, लेकिन वे स्वयं द्विभुजी ही चित्रित-निर्मित होती रहीं हैं। गर्भगृह के बाहर द्वार के एक ओर गौर भैरव और दूसरी ओर काल भैरव हैं।
जयपुर के राजाओं में रामसिंह ही एकमात्र शैव मतावलंबी थे। यह सन्यासी राजा चन्द्रमहल और जनानी डयोढी के बीच अपने आराध्य का मन्दिर बनवा कर, स्वयं इसके पीछे हॉलनुमा कमरे में रहते थे। अपना सम्पूर्ण वैभव शिवचरणों में अर्पित कर वे स्वयं सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते थे। तीन घंटे पूजा, अर्चना, ध्यान के बाद लौट कर वह भोजन करते।
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आम जनता के लिए भगवान राजराजेश्वर जी के दर्शन वर्ष में 2 बार ही खुलते हैं। महाशिवरात्रि पर दो दिन और गोर्वधन पर एक दिन आम जनता को दर्शन देने के लिए जब देवाधिदेव सज-संवर कर तैयार होते हैं, तो उनके अनुपम स्वरूप के दर्शन कर भक्त दर्शकों की आंखें धन्य हो जाती है। यहांं पर शिव के परम तांत्रिक और सर्वोच्च शक्तिशाली शरभावतार का भी विशाल और दुर्लभ चित्र है। परिसर में ही भगवान शिव-पार्वती के भव्य और विशाल चित्र लगे हैं। महाराज रामसिंह की भी तस्वीर लगी है।
Published on:
20 Oct 2017 12:19 pm
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