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राजाखेड़ा को नहीं मिला चंबल जल

क्षेत्र में पेयजल के लिए व सिंचाई को चंबल जल पहुंचाने की चंबल लिफ्ट परियोजना अभी परवान नहीं चढ़ सकी है। परियोजना की फाइल सुप्रीम कोर्ट की सैंट्रल

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Arif Mansuri

Dec 11, 2015

क्षेत्र में पेयजल के लिए व सिंचाई को चंबल जल पहुंचाने की चंबल लिफ्ट परियोजना अभी परवान नहीं चढ़ सकी है। परियोजना की फाइल सुप्रीम कोर्ट की सैंट्रल एम्पावर्ड कमेटी में अटकी हुई। दो साल पहले भाजपा नेताओं ने परियोजना की पैरवी कर शीघ्र ही चंबल पहुंचाने का वायदा किया था लेकिन दो साल निकलने के बाद भी पानी नहीं पहुंच पाया है।

कुछ साल पहले राजाखेड़ा में चंबल जल पहुंचाने को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया और लंबे समय तक धरने-प्रदर्शन चले। इसके बाद चंबल लिफ्ट परियोजना बनी। इसके तहत धौलपुर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए पानी व राजाखेड़ा क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाना है।

परियोजना के तहत धौलपुर स्थित सागरपाड़ा के समीप चंबल को लिफ्ट करवाकर नहर व पाइप के जरिए राजाखेड़ा इलाके तक ले जाना है। इस परियोजना की फाइल स्वीकृति के लिए सुप्रीम कोर्ट की सैंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को भेजी गई। इसके बाद से फाइल यहां से नहीं निकल सही है। दो साल पहले राजाखेड़ा में आयोजित चुनाव आमसभा में भाजपा नेताओं ने चंबल जल को लेकर आंदोलन करने वालों को मंच पर बुलाया और घोषणा की थी कि जल्द ही परियोजना की पैरवी कर पानी राजाखेड़ा तक पहुंचाया जाएगा लेकिन दो साल में भी फाइल कमेटी में स्वीकृत नहीं हो सकी है। इससे इलाके के लोगों में निराशा व्याप्त है।

किसानों में निराशा
किसान संगठन राजाखेड़ा के अध्यक्ष हरिओम शर्मा का कहना है कि सरकार ने जल्द ही चंबल लिफ्ट परियोजना शुरू कराकर पानी खेतों तक पहुंचाने का वायदा किया था लेकिन अभी तक परियोजना में कोई काम नहीं हुआ है। सरकार की ओर से सीईसी में अच्छी तरह पैरवी करके परियोजना में स्वीकृति लेनी चाहिए।

दो नदियों के बीच बसा है राजाखेड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि राजाखेड़ा इलाके में एक तरफ जीवनदायनी चंबल नदी बह रही है। जिसमें पूरे साल भर पानी बहता है और बारिश के दिनों में लाखों क्यूसेक पानी नदी में व्यर्थ बह जाता है। वहीं दूसरी तरफ ऊटंगन नदी बहती है। इस नदी में बारिश के दिनों में लाखों लीटर पानी बहकर उत्तरप्रदेश की तरफ चला जाता है और साल में दस माह नदी सूखी रहती है। यहां भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसके चलते किसानों को सिंचाई के लिए क्या अब तो पेयजल के लिए भी परेशानी होने लगी है।

इनका कहना है
चंबल लिफ्ट परियोजना को सैंट्रल एम्पावर्ड कमेटी में स्वीकृति दिलाने के लिए सरकार को गंभीरता से पैरवी करनी चाहिए। जिससे इलाके के लोगों को इसका लाभ मिल सके। -प्रद्युम्न सिंह, कांग्रेस विधायक राजाखेड़ा
चंबल लिफ्ट परियोजना सुप्रीम कोर्ट की सैंट्रल एम्पावर्ड कमेटी मे स्वीकृति के लिए गई हुई है। सरकार फाइल को स्वीकृत कराने के लिए प्रयास कर रही है। शीघ्र ही परियोजना को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। - रविन्द्र सिंह बोहरा, भाजपा के पूर्व विधायक राजाखेड़ा