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राजस्थान के बिजली बिल बकायेदारों पर विभाग का शिकंजा, अब नहीं कर पाएंगे इस तरह का खेल

राजस्थान में बिजली बिल बकायेदारों पर बिजली विभाग ने शिकंजा कसने की फुलप्रूफ तैयारी कर ली है। अब बकायेदारों के घर के किसी भी सदस्य के नाम पर नया कनेक्शन नहीं मिल पाएगा।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Jul 23, 2025

Fuel Surcharge

(फोटो-पत्रिका)

जयपुर। राजस्थान में बिजली बिलों की वसूली को लेकर डिस्कॉम ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। अब जिन उपभोक्ताओं की बिजली बकाया के चलते सप्लाई स्थायी रूप से काट दी गई है, वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर नया बिजली कनेक्शन नहीं ले पाएंगे। यह नई व्यवस्था फिलहाल जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में शुरू की गई है, जिसे जल्द ही राज्य की तीनों डिस्कॉम में लागू किया जाएगा।

राज्य में तीनों डिस्कॉम (जयपुर, जोधपुर और अजमेर) के तहत 30.1 लाख उपभोक्ता पीडीसी (Permanent Disconnection Consumer) की श्रेणी में हैं, जिन पर कुल 1,880 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है। इनमें अजमेर डिस्कॉम में 12.66 लाख, जयपुर में 9.24 लाख और जोधपुर में 8.18 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। डिस्कॉम ने पाया है कि कई उपभोक्ता बकाया चुकाए बिना ही किसी अन्य सदस्य के नाम पर नया कनेक्शन ले लेते हैं, जिससे राजस्व की बड़ी हानि होती है।

अब सभी डिस्कॉम में सिस्टम लागू करने की तैयारी

जयपुर डिस्कॉम की अध्यक्ष आरती डोगरा के अनुसार, यह नई तकनीकी व्यवस्था एक सब-डिवीजन में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू की गई थी, जहां इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इसके बाद अन्य सब-डिवीजनों में भी इसे विस्तार दिया जा रहा है।

किन उपभोक्ताओं को पीडीसी में किया जाता है शामिल

डिस्कॉम के नियमों के अनुसार, अगर कोई घरेलू उपभोक्ता दो साल तक बिल जमा नहीं करता है, तो उसका कनेक्शन पीडीसी कर दिया जाता है। जबकि औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए यह समय सीमा एक वर्ष है।

जियो टैग से लग जाएगा पता

नई व्यवस्था के तहत फीडर प्रभारी को संबंधित क्षेत्र के सभी पीडीसी उपभोक्ताओं की सूची दी जाएगी। उनके पते और बकाया राशि का डेटा सिस्टम में पहले से मौजूद रहेगा। इसके बाद फीडर प्रभारी उस स्थान को जियो-टैग करेगा, ताकि हर पीडीसी उपभोक्ता का विवरण डेटाबेस में अपडेट हो सके।

न्यू कनेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम होगा अपडेट

यह पूरा सिस्टम न्यू कनेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (NCMS) और जेईएन साइट वेरिफिकेशन एप्लिकेशन से लिंक होगा। जैसे ही किसी पुराने पीडीसी पते पर नया कनेक्शन मांगा जाएगा, तो जेईएन को साइट विजिट के दौरान यह जानकारी मिल जाएगी कि उस स्थान पर पहले किसी अन्य नाम से स्थायी रूप से कटा हुआ कनेक्शन था। डिस्कॉम को उम्मीद है कि इस प्रणाली से बकायेदारों की चालाकी पर रोक लगेगी और बकाया वसूली में सुधार होगा।