
जर्जर भवनों की अब सीलिंग या ध्वस्तीकरण तय, पत्रिका फोटो
जयपुर. बीते दिनों सरकारी स्कूल में हुए हादसे के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं को अलर्ट कर दिया है। सभी शहरी निकायों को जर्जर, असुरक्षित भवनों की पहचान कर उसे सील या ध्वस्त करना होगा। पालना रिपोर्ट 5 अगस्त तक विभाग को भेजनी है। अब जर्जर इमारत गिरने से हादसा हुआ तो निकाय के आयुक्त, अधिशासी अधिकारी पर एक्शन होगा। जर्जर इमारत गिरने से हादसा होने पर इनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल के जर्जर भवन की छत गिरने से स्कूल के 7 बच्चों की हुई दर्दनाक मौत के बाद स्वायत्त शासन विभाग की नींद टूटी है। अब प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं को शहरी निकायों को जर्जर, असुरक्षित भवनों की पहचान कर उसे सील या ध्वस्त करने की कार्रवाई करने के निर्देश जारी हुए हैं।
स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं को चिन्हित जर्जर भवनों की संख्या, सील व ध्वस्त किए गए भवन, जिन पर कार्रवाई लंबित है की पालना रिपोर्ट विभाग को भेजनी होगी।
निकाय हर साल जर्जर भवनों की सूची बनाकर नोटिस देने की खानापूर्ति करते रहे हैं। अधिकतर मामलों में इमारत, भवन को गिराने की कार्रवाई नहीं होती। कहीं मकान मालिक व किरायेदार का विवाद होता है तो कहीं इमारतों को लेकर अदालतों में मामले लंबित रहते हैं। ऐसे विवाद सुलझाने की बजाय निकाय चुप बैठे रहते हैं।
Published on:
29 Jul 2025 09:57 am
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